पाकिस्तान के मुसलमानों की तरफदारी में चीन कोई कसर नहीं उठा रखता लेकिन चीन के शिनजियांग क्षेत्र में काफी अरसे से मुस्लिमों की एक जाति रहती आ रहीं है. जिनका विवाद अभी चीन की सरकार से चल रहा है. यहां की सरकार द्वारा इस जाति से ताल्लुक रखनेवाले लोगों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. जिसकी वजह से उइगर मुस्लिमों को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा हैं. उइगर मुसलमान एक तुर्क जातीय समूह है, जो कि शिनजियांग इलाके में रहते हैं. इतिहास के अनुसार उइगर मुस्लिम पूर्वी एवं मध्यस्थ एशिया के इलाकों में रहते आ रहे हैं. अगर देखा जाए तो इस जाति के कुछ लोग अफगानिस्तान एवं कजाकिस्तान के भी बहुत से इलाकों में रहते हैं।।
उइगर मुस्लिम के चीन में हालात
चीन में अधिकतर लोग नास्तिक पाए जाते हैं, इनका किसी भी धर्म से कोई लेना देना नहीं होता है. चीन के आधिकारिक क्षेत्र यानी की शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुस्लिम काफी आबादी में बसे हुए हैं. वहीं चीन की सरकार इस क्षेत्र से इन मुस्लिमों की आबादी कम करने में लगी हुई है. इतना ही नहीं चीन की हान जाति के लोगों ने शिनजियांग में जाकर बसना भी शुरू कर दिया है. चीन का ये क्षेत्र 8 देशों की सीमाओं के करीब है, चीन के अनुसार उनके देश में इस्लाम में रूचि बढ़ने के साथ-साथ इस्लामिकता भी बढ़ रही है, जिससे की उनके देश में आतंकवाद जन्म ले सकता है. इसलिए यहां पर मुस्लिम को प्रार्थना करने एवं धर्म से सम्बंधित कार्यों को करने पर कड़ी सजा दी जा रही है. यहां पर रोजा रखने एवं पहनावे पर भी चीन सरकार ने प्रतिबन्ध लगा रखा है. क्योंकि चीन का मानना है कि यहां पर कुछ आतंकवादी संगठन अपना परचम लहराना चाहते हैं .जिससे की उनके देश में आतंकवाद फैलने का खतरा बना हुआ है. इसलिए चीन सरकार इन सब हालातों से निपटने के लिए इतने प्रतिबन्ध लगा रही है. यहां तक की कोई भी व्यक्ति अपने बच्चे का नाम मुस्लिम धर्म से सम्बंधित नहीं रख सकता है. जो कि काफी हद तक बुरा है।।
सरकार ने छीना स्वतंत्रता का अधिकार
वहीं दूसरी तरफ यहां रहने वाले मुस्लिमों का कहना है कि चीन की सरकार उनके स्वतंत्रता के अधिकार को छीनना चाहती है. इतना ही नहीं चीन के अधिकारियों ने कुरान और चटाई (जिस पर बैठ कर अल्लाह से प्रार्थना की जाती है) को सरकार के पास जमा करने के आदेश दिए हैं. वहीं अगर कोई भी ऐसा करना से मना करता है तो उसे कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा।।
चीन में उइगर मुस्लिम की आबादी
जहां कुछ साल पहले यहां (शिनजियांग क्षेत्र) लगभग 75 प्रतिशत यानी 40 मिलियन उइगर मुस्लिम जाति के लोग रहते थे. वहीं अब चीन के हान जाति के लोगों ने इस क्षेत्र में भरी संख्या में आना शुरू कर दिया है. जिससे की इस इलाके में अब 40 प्रतिशत अन्य जाति के लोग हैं और 47 प्रतिशत उइगर जाति के लोग यहां पर बसे हुए हैं. इतना ही नहीं यहां पर जो भी कंपनी नौकरी देती है बस हान लोगों को ही देती हैं. जिससे की उइघुरों के साथ भेदभाव हो रहा है।।
उइगर मुस्लिम पर हो रहे अत्याचार
इस देश में उइगर मुसलमानों पर किए जाने वाले अत्याचार काफी बढ़ गए हैं. यहां तक की उनके द्वारा खरीदे हुए सामान को भी जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इतना ही नहीं अगर उइगर मुस्लिम कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो सबसे पहले सरकार से आज्ञा लेनी होती है. उसके बाद भी सरकार की मर्जी पर आपका घूमना निर्भर करता है, इसका फैसला सरकार उइगर मुस्लिम के वार्षिक कार्यों के आधार पर करती है. इतना ही नहीं पूरे साल इन पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से नजर रखी जाती है और थोड़ा सा भी संदेह होने पर पुलिस के द्वारा पकड़ लिया जाता है।।
उइगर मुस्लिमों का इतिहास
कुछ इतिहासकार इनको मंगोलिया के उइगर खगनाट की ही जाति मानते हैं, जो कि लगभग 9000 साल पुरानी जाति मानी जाती है. जबकि कुछ लोग इनका इतिहास 8 से 9वीं के आसपास का मानते हैं. हालांकि यहां के पत्थर की गुफाओं एवं चट्टानों पर उइगर जाति के एक राजा की कलाकृति भी बनी हुई है. जिससे की ये साफ होता है कि ये जाति लंबे समय से शिनजियांग क्षेत्र में रहे रही है और कोई भी इनके इतिहास को नहीं ठुकरा सकता है. वर्ष 1912 में चीन को क्विंग राजवंश से मुक्ति मिली थी, एवं चीन को गणराज्य घोषित किया गया था. उसके बाद चीन के इस इलाके पर तुर्की के एक इस्लामिक समूह ने कब्ज़ा करने की कोशिश की थी. जिसके बाद चीन के योद्धा ज़ेंगक्सिन को शिनजियांग को बचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. चीन सरकार द्वारा कहा गया कि पहले यहां हान जाति ही निवास करती थी, जिनको मारपीट कर भगाया गया था।
शिनजियांग क्षेत्र का इतिहास
उइगर ने यहां पर बहुत संघर्ष किया है इन लोगों ने सन् 1933 एवं 1944 में शिनजियांग को एक आजाद मुल्क की तरह स्थापित कर लिया था. इसके लिए सोवियत कम्युनिस्ट नेता जोसेफ स्टालिन द्वारा इनकी मदद की गई थी. लेकिन 1944 से 1949 में कुछ नेताओं ने शिनजियांग क्षेत्र को फिर से चीन गणराज्य में मिलाने का प्रस्ताव रखा और सन् 1949 में इस क्षेत्र को फिर से चीन में मिला लिया गया. इस घटना के बाद फिर से उइगर मुस्लिम चीन का हिस्सा बन गए. वहीं इस इलाके को लेकर तब से लेकर आज तक कई आंदोलन किए गए लेकिन चीन सरकार द्वारा सभी आंदोलनों को दबा दिया गया।
आखिर क्यों कर रहा है चीन ऐसा
शिनजियांग क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है और इस इलाके के साथ चीन के कई पड़ोसी देशों की सीमा लगती है. जिससे यहां की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना पड़ता है. दुनिया में हुए कई बड़े हमलों के बाद अमेरिका और चीन दोनों ने आतंकवादियों से अपने देश को बचाने की मुहिम को तेज कर दिया है. जिस वजह से चीन के उइगर मुस्लिमों को भी बिना वजह सख्ती झेलनी पड़ रही है. हालांकि किसी को पूजा करने से रोकना या व्यक्तिगत जीवन को इस तरह से नियंत्रित करना गलत है,लेकिन चीन में ऐसा हो रहा है।
चीन अपनी आर्थिक स्थिति को और भी मजबूत करना चाहता है, इस समय चीन नहीं चाहता की उसके देश का हिस्सा उससे अलग हो जाए. ये एक चीन का सकारात्मक कारण है. वहीं अगर उइगर मुस्लिमों की बात करें तो उनके साथ उनके ही देश के द्वारा बदसलूकी की जा रही है, जो कि बड़े देशों के द्वारा ऐसा करना उचित नहीं हैं. सूत्रों के अनुसार यहां पर उइगर लोगों को शिक्षा एवं नौकरियों से दूर रखने के साथ ही साथ इनकी गाड़ियों को ट्रैक भी किया जाता है. हद तो ये है कि यहां के लोगों का जीन लिया गया है, उसको टेस्ट करने के लिए लैब में भेजा जाता है. जिससे इनकी पहचान की जाए और इस प्रक्रिया को हर महीने दोहराया जाता है. इतना ही नहीं उइगर मुस्लिम क्या बात करते है क्या खाते हैं क्या पहनते है सभी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है. इस तरह के शासन की व्याख्या 1984 नामक प्रसिद्ध किताब में दी गई है, जो जॉर्ज ऑरवेल ने लिखी है।
चीन देश की ताकत
चीन इस समय बड़ी ताकत बनता जा रहा है, इसलिए किसी भी आंदोलन को आसानी से दबा सकता है. उदाहरण के तौर पर तिब्बत को ही देख लीजिए. वहीं चीन इस समय अपनी ताकत बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. चीन ने इस तरह से बहुत से छोटे देशों पर भी आर्थिक मदद के बहाने अपना व्यापार स्थापित किया है।
शिनझियांग की सुरक्षा बढ़ाई
शिनझियांग में बहुत तेजी से तरक्की हो रही है, और इसलिए चीन ने 2016 में 40 प्रतिशत सुरक्षा बड़ा दी थी. सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इस इलाके के हर 100 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं।
उइगर मुस्लिम को कैसे दिया जाता है ग्रेड या अंक
सूत्रों के मुताबिक यहां की पुलिस ने एक 100 मार्क्स का नियम बना रखा है. जिसके अंतर्गत आपकी उम्र 15 साल से 55 साल के बीच में है और आप इस्लामिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. तो आपके 10 पॉइंट काट लिए जाते हैं. इसी तरह से हर एक छोटी से छोटी बातों पर नियम रखे गए हैं. इस संख्या पर ही निर्णय लिया जाता है कि कौन से व्यक्ति, सुरक्षित, सामान्य या खतरनाक लोगों के दायरे में आता हैं. इतना ही नहीं इसी ग्रेड पर सरकार फैसला लेती है कि उसे सरकार की किस योजना से वंचित रखा जायेगा, यात्रा करने को मिलेगी या नहीं इत्यादि।
हान एवं उइगर के बीच सम्बन्ध
हान और उइगर मुस्लिमों के बीच सम्बन्ध बहुत बुरे है, हान इन लोगों को आतंकवादी एवं देश द्रोही मानते हैं. वहीं दूसरी तरफ उइगर हमेशा सताए जाने का आरोप लगते रहते हैं. साल 2009 में इन दोनों वर्गों के बीच हुए झगडे में लगभग 200 लोग मरे गए थे।
इस्लामिक देशों की चुप्पी
इतना बड़ा मुद्दा होने बाद भी सभी इस्लामिक देशों ने चुप्पी साध रखी है, इसका मुख्य कारण चीन की बढ़ती ताकत एवं चीन से ली हुई खैरात है. उदाहरण के तौर पर पाकिस्तान इस्लाम का संरक्षक बनने का दिखावा करता है, फिर यहां चीन से क्यों समझौता कर रहा है. इसके पीछे आर्थिक लालच जुड़ा हुआ है, जो पाकिस्तान को लगातार चीन दे रहा हैं. वहीं अरब देशों ने भी इस मसले पर दूरी बनाई रखी है।
कोई प्रसिद्ध नेता का ना होना
उइगर मुस्लिम के पास इस समस्या से निपटने का कोई रास्ता नहीं है. क्योंकि ना तो कोई देश इस बारे में बात कर रहा है और न ही इस बात को सोवियत संघ में रखने वाला नेता मौजूद है. उइगर मुस्लिम के साथ बुरा किया जा रहा है. चीन का कहना है वो अफगानिस्तान से आने वाले आतंकियों को यहां के मुस्लिमों को संपर्क करने से रोकना चाहते हैं. ताकि कोई भी आतंकी संगठन इस्लाम के बहाने उइगर मुस्लिम को भड़काकर उनके देश को बर्बाद करने की सोच ना रख सके।