जिस्म….. मस्ती, मज़ा और मुफ़्त में माल!

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नई दिल्ली। जिस्मफरोशी को दुनियां के सबसे पुराने कारोबारों में से एक माना जाता है । आमतौर से जिस्मफरोशी जिन क्षेत्रों में की जाती है उनको रेड़ लाइट एरिया कहा जाता है और बदनाम माना जाता है। मानव की आधी आबादी बड़ी संख्या इस कारोबार में लिप्त है। जहां कुछ लड़कियां इस दलदल में मजबूरी से आती हैं तो कुछ पैसों की लालच में आती हैं। सम्पूर्ण विश्व में जिस्मफरोशी का कारोबार फल फूल रहा है। इस कारोबार से अर्जित बडी रकम की लालच में कुछ देशों ने जिस्मफरोशी को कानूनी वैधता दे रखी है। जिस्मफरोशी का बाजार तमाम मंदी के बावजूद दिन दूनी और रात चौगुनी की तेज गति से फल फूल रहा है। देह व्यपार सदियों से हो रहा है। वर्ष प्रतिवर्ष कारोबार में करोड़ों डाॅलर की बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। पिछले वर्ष बाजार के आंकलन के अनुसार दुनिया के 12 देश के जिस्मफरोशी के कारोबार पर आइये डालते हैं एक नजर–

सालाना आमदनी

भारत – 8.4 मिलियन डॉलर की कमाई होती है।

चीन – लगभग 73 मिलियन डॉलर की कमाई होती है।

अमेरिका – 14.6 मिलियन डॉलर कमाता है।

स्पेन – 26.5 मिलियन डॉलर की कमाई होती है।

जपान- 24 मिलियन डॉलर की कमाई होती है।

जर्मनी – 18 मिलियन डॉलर का मुनाफा होता है।

इंडोनेशिया – 2.25 मिलियन डॉलर की कमाई करता है।

साउथ कोरिया – 12 मिलियन डॉलर कमाता है।

तुर्की – 4 मिलियन डॉलर कमाता है।

स्विट्जरलैंड – 3.5 मिलियन डॉलर की कमाई करता है।

थाईलैंड – 6.4 मिलियन डॉलर कमाई होती है।

फिलीपींस – 6 मिलियन डॉलर कमाता है।

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