आज़ादी से अबतक देश में सबसे ज्यादा वर्षों तक गाँधी परिवार ने शासन किया है,इस बात को राहुल गाँधी शायद समझ नहीं पा रहें हैं,तभी तो वो आजकल रोज नए लोभ जनता को दे रहें हैं | लेकिन क्या राहुल गाँधी ये बताएँगे कि जब देश में मनमोहन सिंह के सरकार थी और आप युवा सांसद थे तब आपके मन में गरीबों का ख्याल क्यों नहीं आया ? दरअसल इसमें राहुल गाँधी का दोष नहीं है दोष उनके परिवार का है जिन्होंने आज़ादी से अब तक भारत की जनता को सिर्फ भिखारी ही समझा है और कुछ नहीं,आज सत्ता नहीं है तो 72 हज़ार के वादे किये जा रहे हैं,युवाओं को नौकरी देने की बात किये जा रहे हैं,लेकिन जब सत्ता थी तो सत्ता के मद में चूर राहुल गाँधी को कुछ नहीं याद आया ,उनकी बहन प्रियंका वाड्रा सिर्फ चुनाव के समय गरीब महिलाओं से बात करती दिखती हैं उसके बाद तो पता ही नहीं चलता वो कहाँ गुम हो जाती हैं | अगर चुनाव के समय किये 10 वादों में से 1 भी वादा बहन अपनी माँ और भाई से पूरा करवा दी होती तो आज उन्हें धूल फांकने की जरूररत नहीं पड़ती क्योंकि गाँधी परिवार को ही भारत की जनता देश की सत्ता में देखना पसंद करती थी | 50 वर्ष से ज्यादा सत्ता का आनंद लिया फिर भी 5 सालों में इतने अधीर हो गए कि वादों पर वादे करने पर रहे हैं | जनता का गाँधी परिवार में अटूट विश्वास था जो अब धीरे धीरे खत्म होता जा रहा है इसके लिए जिम्मेदार जनता नहीं है कांग्रेस और गाँधी परिवार है,समय रहते समय से सिखने की जरूरत है गाँधी परिवार को अन्यथा अब सत्ता दूर का ख्वाब हो जायेगा |
भिखारी नहीं है हम
कांग्रेस के न्याय के लिए और कितना इंतजार