टूटती फूटती रहीं राजनीतिक परंपरायें!

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में बहुत सी शासकीय परंपराये टूटी है तो वहीं नये तरह की कार्यशैली वजूद में आयी है इसी को रेखांकित कर रहे हैं लेखक

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चुनाव का समय है हर नेता कुर्सी की जंग में उलझे हैं,टिका-टिपण्णी,अपशब्दों का बढ़-चढ़ कर प्रयोग हो रहा है,कोई हिन्दू को मनाने में लगा है तो कोई मुसलमान को,कोई अगड़ा को तो कोई पिछड़ा को | पूरा विपक्ष मोदी को जल्लाद साबित करने में लगा है तो पक्ष मोदी के नाम पर वोट हासिल करने के जुगत में लगा है | देश की राजनीतिक स्तर अपने सबसे निचले पायदान तक गिर चुका है,अभी दो चरणों के चुनाव बाकी है इस दरम्यान राजनीति किस स्तर तक गिरेगी ये तो वक्त ही बताएगा | किसे कुर्सी मिलेगी कौन कुर्सी से अलग होगा यह भी समय ही बताएगा,लेकिन इस बीच मोदी ने जो परम्परा बदली उस पर भी विचार जरुरी है | भारत ने अब तक 15 प्रधानमंत्री के शासन काल देखे उन सभी प्रधानमंत्रियों ने अपनी खास छाप देश पर छोड़ी है जिसमे मोदी की छाप कुछ अलग है | मोदी ने सदियों पुरानी परम्परा को बदली है,पहले जब भी कोई सरकारी योजनाएं आती थी तो उस पर जातिवाद का मुहर लगकर आता था,इतना प्रतिशत दलितों का,इतना मुसलमानों का,इतना अन्य का,लेकिन मोदी के कार्यकाल में ऐसा देखने को नहीं मिला,मोदी की पहली योजना जनधन योजना थी जो सभी भारतवासियों के लिए थी,ना क़ी किसी जाति विशेष के लिए,उसी तरह स्वक्षता अभियान चलाया उसमे भी जातिवाद का कोई नामो निशान नहीं,शौचालय जो इतना महत्वपूर्ण था समाज के हरेक तबके के लिए लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया,हम घर में अपने परिवार के महिलाओं को पर्दानशी या बुर्कानशीं देखना पसंद करते हैं लेकिन कभी सोचा था कि जो घर में पर्दानशी है वो बाहर लोटा लेकर कैसे जायेंगी?ये सोच मोदी में जगाया और घर – घर शौचालय बनाने का बीड़ा उठाया वो भी बिना जाति धर्म की बात किये,कौशल विकास योजना हर वर्ग,हर जाति,हर मजहब के लिए आया ना की किसी विशेष समाज के लिए,मुद्रा योजना हर तबके के लिए आया,उज्वला योजना से सभी जाति धर्म के महिला को लाभ मिला,सौभाग्य योजना से हर घर को रौशन करने का बीड़ा उठाया वो भी जातिवाद से परे है,आयुषमान भारत सिर्फ हिन्दू के लिए नहीं मुसलमानो का भी है |

इस तरह की कई योजनाएं मोदी सरकार लायी जिसमे जाति – धर्म की कोई चर्चा नहीं है | चुनाव के समय में लगभग हर पार्टी के नेता जातिवादी टिका टिपण्णी कर रहे हैं लेकिन सरकारी योजनाओं में मोदी ने कोई बिभेद नहीं किया जो भी योजनाएं लागू की वो हर भारतवासी के लिए लागू की | राजनीतिक स्तर को गिराने में भी मोदी की अहम् भूमिका रही,इन्होने ने दूसरे दल के नेताओं पर टिप्पणी की तो इनपर भी दूसरे दल के नेताओं ने टिपण्णी की अब वो टिपण्णी कहाँ जाकर थमेगी वो भविष्य के गर्भ में है |मोदी की वापसी देश हित में हैं ,5 साल और उन्हें मौका देना देश हित में अच्छा होगा क्योंकि देश ही नहीं विदेशों में भी मोदी का डंका बज रहा है,जो पकिस्तान चीन की बदौलत हमें आँखे दिखा रहा था आज भीगी बिल्ली बना बैठा है,जो चीन डोकलाम में हमारे साथ संघर्ष करता रहता था आज चाहता है कि मोदी भारत के प्रधानमंत्रीं बने ताकि उसके रिश्ते अमेरिका से सुधर सके | पूरी दुनिया को योग का पाठ पढ़ाने वाला मोदी भारत को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है |

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