मेरी अध्यक्षता में दिनांक 8 एवं 9 जुलाई 2023 को छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय शिक्षा मंथन-2023 के आयोजन का शुभारम्भ हुआ। आज देर शाम तक चले आयोजन के पहले दिन कुल चार सत्रों में विशेषज्ञों ने चर्चाएं की। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को देश-दुनिया में बेहतर होने के लिए कार्य करना होगा। शैक्षिक माहौल को बेहतर से बेहतर करने के लिए प्रयास करना होगा। देश के उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी बेहतरीन शैक्षिक माहौल विकसित करने को कहा। अपने चंडीगढ़ , पूसा भ्रमण का उल्लेख करते हुए कहा की हमने वहां के विश्वविद्यालय को देखा, वहां का शैक्षिक माहौल को समझा गया, उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी भ्रमण कराया और उनसे कहा आप भी कुछ ऐसा करें, अपने विवि को ऐसा बनाएं की दूसरे लोग आपके विवि में सीखने आएं।
अपने सम्बोधन में उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की बेहतर गुणवत्ता और उसमें नए बदलाव को लेकर कि सुझाव दिए। बताया कि कई कार्य एक साथ हो सकते हैं जिसमें शिक्षा के साथ शिक्षणेत्तर कार्यों पर जोर दिया। कहा पढ़ाई के साथ खेल का आयोजन, योग, ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा जैसे कई कार्यों को समानानंतर चलाया जा सकता है और आज प्रदेश के विश्वविद्यालयों सब प्रारम्भ हो चुका है। इसी क्रम में प्रदेश के विश्वविद्यालयों को नैक में हासिल हो रही सफलताओं चर्चा भी की। कहा कि नैक के लिए विश्वविद्यालयों ने खुद को बेहतर बनाया है। इसके साथ ही प्रदेश में नवीन विकास कार्यों के अनुसार विश्वविद्यालयों को अपने शैक्षिक बदलावों के लिए भी तैयार करने को कहा। कहा कि उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर छह जिलों में हो रहा है। इस पर यूनिवर्सिटी में कोई कोर्स संचालित किया जा सकता है। शिक्षा मंथन में आये कुलपतियों को भी अपने विशिष्ट शैक्षिक ज्ञान को विद्यार्थियों में शेयरिंग के लिए फोकस करने को कहा। कहा कि विदेश से जो वो सीख के आये ,उनके अनुभव से जो फायदा छात्रों को मिल सकता है. उस पर काम किया जाए। प्रदेश के महाविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग के लिए प्रेरित किया और कहा कि इसके मार्गदर्शन की जरूरत है तो राजभवन जरूर मदद करेगा। कुलपति अपने यहां फैकल्टी के साथ बैठें चिंतन करें,अनुभव को जोड़ें, आने वाली पीढ़ी के बारे में सोचें। इसके साथ ही शिक्षा मंथन कार्यशाला से प्राप्त जानकारियों को प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर गुणवत्ता विकास में उपयोग करते हुए उच्च रैंकिंग प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में विविध सत्रों में विशेषज्ञों द्वारा उच्च शिक्षा के संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के क्रियान्वयन, नैक मूल्यांकन, नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क, क्यूएस एशिया रैंकिंग, क्यूएस ग्लोबल रैंकिंग, मातृभाषा में पुस्तक निर्माण, अनुवाद, परीक्षा सुधार जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
कार्यक्रम में प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षण संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल रहें। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, प्राविधिक शिक्षा मंत्री , राज्य मंत्री उच्च शिक्षा विभाग रजनी तिवारी, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर एम बोबडे, विशेष कार्यधिकारी शिक्षा प्रो. पंकज एल जानी,कुलपति सीएसजेएमयू विनय कुमार पाठक, प्रति कुलपति सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव, आदि मौजूद रहे।