क्या सहयोगी दल ही बीजेपी की मुश्किलें का सबब बन रहा है|

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सहयोगी पार्टी उसके लिए परेशानी की वजह बन सकती है| दरअसल सूत्रों के मुताबिक राज्‍य में बीजेपी की सहयोगी अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) ने पांच दर्जन सीटों पर लड़ने की दावेदारी की है, शायद यही वजह है जो बीजेपी के लिए समस्या उत्पन्न कर सकती है| आपको बता दें कि बिहार के चुनाव में झटका झेलने और वहां पर सहयोगी दलों का हश्र देखने के बाद बीजेपी इस बार घटक दलों के लिहाज से कोई बड़ा रिस्‍क लेने के मूड में नहीं दिखती | इन वजहों से वह यूपी में एक दर्जन से ज्‍यादा सीटें देने को तैयार नहीं है, दरअसल बिहार में सहयोगी दलों ने दबाव की रणनीति और सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले के तहत बीजेपी से अधिक सीटें ले ली थीं लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्‍व वाले महागठबंधन के सामने उनका प्रदर्शन बेहद फीका रहा. इसका खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ा | फिलहाल एक प्रमुख सहयोगी अपना दल में भी इस वक्‍त मां और बेटी के बीच वर्चस्‍व की जंग छिड़ी हुई है, अपना दल के यूपी में दो सांसद हैं और इसकी नेता अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में मंत्री हैं, हालांकि उनकी मां कृष्‍णा पटेल और उनके बीच अनबन की स्थिति है, माना जा रहा है कि कृष्‍णा पटेल मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के संपर्क में भी हैं और जदयू के साथ भी उनकी बातचीत चल रही है| हिलहाल बीजेपी के लिए राहत की बात यह है कि पूवी उत्‍तर प्रदेश में अंतिम चरणों में वोट डालेंगे| ऐसे में पूर्वांचल में प्रभाव रखने वाली इन पार्टियों के साथ सीटों को तय करने के मामले में बीजेपी के पास अभी पर्याप्‍त वक्‍त है|

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