ज़रुरत है साक्षर से शिक्षित बनें

भारत को पूर्णतः साक्षर कैसे बनाएँ - इस विषय पर ‘हिंदुस्तान टाइम्ज़’ की स्थानीय संपादक सुनीता ऐरन ने विस्तार से चर्चा की ।

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लखनऊ। ग्लोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट द्वारा 12 वें तीन दिवसीय एडलीडेरशिप अंतर्राष्ट्रीय गोलमेज़ सम्मेलन का समापन शनिवार को हुआ। “ तनाव मुक्त शिक्षा – सिंगापुर के नक़्शे क़दम पर “ की थीम पर सिटी मॉंटेसरी स्कूल कानपुर रोड कैम्पस स्थित ‘वर्ल्ड यूनिटी कन्वेन्शन सेंटर में आयोजित हुआ। समारोह के अंतिम दिन छठे सत्र में कई विषयों पर चर्चा हुई ।

उभयहस्तकौशल यानी की एक साथ दोनों हाथों से लिखने की कला  पर मध्यप्रदेश के सिंगरौली से आये वीनावादिनी स्कूल के संस्थापक वी पी शर्मा ने चर्चा की इसके बाद बच्चों ने मंच पर इस कला कि प्रदर्शन भी किया जो सचमुच चमत्कारी था। इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में अन्य कई नवीन अन्वेशों पे चर्चा की गयी।

सभी अन्वेशों की प्रशंसा करते हुए मुुख्य अतिथि अनुराग त्रिपाठी  ने कहा की  यह बदलते भारत की बदलती तस्वीर है जो बच्चे पढ़ाई छोड़ चुके हैं उनके लिए वरदान है । उन्होंने कहा कि आज  बच्चों को साक्षर के साथ साथ शिक्षित बनााने की भी जरुरत है जिससे वो अच्छे इंसान और अच्छे नागरिक बनें उनका स्किल डिवेलपमेंट हो और उनमें नैतिकता के मूल्यों का विकास हो जिससे पारिवारिक विघटन जैसी समस्याओं से दो चार न होना पड़े ।

भारत को पूर्णतः साक्षर कैसे बनाएँ – इस विषय पर ‘हिंदुस्तान टाइम्ज़’ की स्थानीय संपादक सुनीता ऐरन ने विस्तार से चर्चा की । भारतीय साहित्य सृजन के लिए सी.एस.आर पैनल स्ट्रैटेजीज पे चर्चा हुई ।

कार्यक्रम में साराभाई वर्सेस साराभाई फ़ेम अभिनेता राजेेेश कुमार भी शामिल थे मेधा आहूजा और आभा अनंत ने स्कूल आधारित परिवर्तन पर चर्चा की गयी। अंत में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गॉधी धन्यवाद ज्ञापन किया। 

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