लखनऊ : राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री प्रवीर कुमार ने आज यहां राजस्व न्यायालय कम्पयूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली को और सुदृढ़ तथा उपयोगी बनाये जाने हेतु एक नयी सुविधा का शुभारम्भ किया गया।
राजस्व परिषद द्वारा राजस्व न्यायालयों के कार्यों का कम्प्यूटराइजेशन हेतु राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली मार्च 2013 में प्रारम्भ किया गया है। देश की इस सबसे बड़ी कम्प्यूटरीकृृत न्यायालय प्रबन्धन प्रणाली के अन्तर्गत कुल 2294 राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत किये गये हैं। इस प्रणाली के प्रारम्भ से अब तक लगभग 70.99 लाख वाद दर्ज किये जा चुके हैं तथा औसत लगभग 4800 वाद प्रतिदिन दर्ज किये जा रहे हैं।वर्तमान में प्रचलित प्रणाली को और सुदृढ़ तथा उपयोगी बनाये जाने हेतु राजस्व परिषद स्तर पर प्रदेश के समस्त राजस्व ग्रामों में अवस्थित समस्त भू-खण्डों (गाटों) हेतु यूनीक कोड का निर्धारण करते हुए विवादित भू-खण्डों का राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली (आर0सी0सी0एम0एस0) में अनिवार्य रूप से अंकन किया जाएगा। इस सूचना के अंकन के पश्चात् जन सामान्य वादकारियों अधिवक्ताओं को किसी भी भू-खण्ड के वादग्रस्त होने अथवा न होने के सम्बन्ध में सुगमतापूर्वक जानकारी प्राप्त हो सकेगी। साथ ही साथ यदि किसी भू-खण्ड से सम्बन्धित कोई वाद लम्बित है तो उसका विस्तृत विवरण यथा- न्यायालयों का नाम, पक्षकारों का नाम, किस अधिनियम की किस धारा के अन्तर्गत लम्बित है, अगली नियत तिथि, आदेश की प्रति आदि भी इसी सुविधा के अन्तर्गत सुगमता से प्राप्त हो सकेगी। इस सम्बन्ध में प्रदेश के प्रत्येक राजस्व ग्राम के प्रत्येक भू-खण्ड (गाटा) के लिए सोलह (16) अंकों वाला यूनीक कोड निर्धारित करते हुए परिषद की भू-लेख वेबसाइट पर अपलोड करा दिया गया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के समस्त राजस्व न्यायालयों में विचाराधीन वादों में वादग्रस्त भू-खण्डों (गाटों) को राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्ध प्रणाली (आर0सी0सी0एम0एस0) में आगामी 15 मार्च से 30 अप्रैल तक एक अभियान चलाकर सभी पीठासीन अधिकारी अपने सम्बन्धित सहायकों के माध्यम से अनिवार्य रूप से अंकित करा लेंगे ।इसे समयबद्ध रूप से प्रभावी बनाने हेतु यह भी व्यवस्था की गयी है कि अभियान अवधि के उपरान्त राजस्व न्यायालय कम्पयूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली में वाद की अगली तिथि की प्रविष्टि तभी की जा सकेगी, जब विवादित भू-खण्डों (गाटों) का विवरण राजस्व न्यायालय कम्पयूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली में अवश्य अंकित कर दिया गया हो।