एक दो तीन चार, युवा कब तक रहे बेरोजगार!

प्रधानमंत्री रेंद्र मोदी ने प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था। युवाओं को दो करोड़ रोजगार मिलने की बात तो दूर देश में आर्थिक मंदी आने से लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ रहा है। वही विश्वव्यापी महामारी कोरोनावायरस के कई लोग बेरोजगार हुए, और आज का युवा अभी भी इस उम्मीद में बैठा है कि आज नहीं तो कल रोजगार तो मिलेगा ही।

0
1668

लखनऊ / दिल्ली । बेरोजगारी की समस्या एक अभिशाप की तरह युवाओं के दिलों दिमाग को खोखला कर रही है । युवाओं के सामने सिर्फ यही सवाल है कि पढ़ाई के बाद नौकरी कैसे हासिल की जाए?  संयुक्त राष्ट्र की 2014 की एक एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। यहां 35.6 करोड़ आबादी युवाओं की है। किसी भी देश की तरक्की काफी हद तक वहां के युवाओं को मिलने वाले रोजगार पर निर्भर करती है, लेकिन अगर युवाओं को पर्याप्त रोजगार ना मिले तो उनके ना सिर्फ सपने टूटते हैं बल्कि अवसाद के कारण उनके कदम गलत रास्ते की ओर बढ़ने की संभावना भी रहती है। 

बता दें कि भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के लेबर ब्यूरो के वार्षिक रोजगार बेरोजगार सर्वे के मुताबिक पिछले 5 सालों में सबसे अधिक विरोध गाड़ी बड़ी है पूर्व सर्वे के मुताबिक 2011- 2012 बेरोजगारी की दर 3.8 फ़ीसदी थी जो बढ़कर 2012 -13 में 4.7 फीसदी दी और 2013 से 14 में 4.9 फ़ीसदी हो गई थी। मोदी सरकार के सत्ता में आने का वर्ष 2014-2015 में मंत्रालय ने सर्वे नहीं किया उसके अगले 2015 -2016 में यह दर घटी नहीं बल्कि और बढ़ गई। दर बढ़कर पांच फ़ीसदी हो गई।

वहीं इस साल बेरोजगारी दर घटकर फिर से पहले स्तर पर आ गई है। फरवरी 2021 में देश में बेरोजगारी दर 6.9% रही, जबकि फरवरी 2020 में यह 7.8% रही थी। यह जानकारी सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी( सीएमआईई) के वीकली एनालिसिस से सामने आई है। लेकिन यह खुशी मनाने वाली बात नहीं है इसकी एक वजह है।

सीएमआईई के अनुसार की प्री लॉकडाउन लेवल पर बेरोजगारी दल की गिनती में गिरावट की तुलना में कम होती लेबर फोर्स अधिक दिखा रही है। दरअसल सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2021 में लेबर पार्टिसिपेशन रेट 40.5% था। जनवरी 2021 में यह 40.6% और फरवरी 2020 में यह 42.6% था।

वहीं भारत में रोजगार दर फरवरी 2021 में घटकर 37.7% रह गई, जबकि 2019 से 20 में या 39.4 % पर कहा गया कि पिछले 3 वर्षों में रोजगार दर में गिरावट जारी है। हालांकि, यह दर वित्त वर्ष 2020 से 21 में पहले की गिरावट से उबर गई है। 

युवाओं को 2014 आम चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाने वाली भाजपा सरकार चाहे लाख दावे करें लेकिन रोजगार के मुद्दे पर वह पूरी तरह असफल और बेबस नजर आ रही है। नरेंद्र मोदी ने प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था। युवाओं को दो करोड़ रोजगार मिलने की बात तो दूर देश में आर्थिक मंदी आने से लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ रहा है। वही विश्वव्यापी महामारी कोरोनावायरस के कई लोग बेरोजगार हुए, और आज का युवा अभी भी इस उम्मीद में बैठा है कि आज नहीं तो कल रोजगार तो मिलेगा ही। https://sverige-ed.com/kopa-receptf…-levitra/

LEAVE A REPLY