वैक्सीनेशन टीम पर हमला… कौन है महामारी का शिकार शरीर या दिमाग? शरीर नहीं सोच को नपुंसक बनाती अफवाहें

पूरी दुनिया को पोलियो मुक्त करने के लिए ग्लोबल पोलियो इरेडिकेशन इनीशिएटिव के नाम पर इंटरनेशनल लेवल पर अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत दुनिया के प्रत्येक देश को वर्ष 2026 तक पोलियो से मुक्त करना

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लखनऊ / दिल्ली । लम्बे समय से चलाए गए अभियान के बाद दुनिया के लगभग सारे देश पोलियो जैसी महामारी से मुक्त हो गए हैं। इस समय केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे दो देश हैं जहां से पोलियो के मामले सामने आ रहे हैं। एक तरफ दोनों देशों में पोलियो के केस सामने आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पोलियो की खुराक पिलाने जा रहे स्वास्थ्यकर्मियों और उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों पर न देशो में लगातार हमले की खबरें आती रहती हैं। 

इसी कड़ी में बीते बुद्धवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा में लगे दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई। सूत्रों के मुताबिक हमलावर बाइक पर सवार होकर बन्दूक के साथ आए और पुलिसकर्मियों को गोली मार कर फरार हो गए। गौरतलब है कि दोनों अधिकारी उन स्वास्थ्य कर्मचारी के साथ खैबर पख्तूनवा के इलाको में गए थे जो बच्चों को पोलियो की खुराक देते। पोलियो की खुराक देकर लौटते वक्त दो व्यक्तियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। सोमवार को ही पोलियो मुक्त अभियान को शुरू किया गया था। 

इसी तरह अफगानिस्तान के जलाल शहर में भी मार्च में हमलावरों ने पोलियो वैक्सीनेशन की टीम को रोकने के लिए उनके वाहन पर गोलियां चलाई थी, जिसमें तीन महिला कर्मियों की मौत हो गई थी। 

पूरी दुनिया को पोलियो मुक्त करने के लिए ग्लोबल पोलियो इरेडिकेशन इनीशिएटिव के नाम पर इंटरनेशनल लेवल पर अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत दुनिया के प्रत्येक देश को वर्ष 2026 तक पोलियो से मुक्त करना है। इसके लिए कुल 5.1 अरब डॉलर खर्च किया जा रहा है। इसमें सरकारें और हेल्थ ग्रुप मिलकर काम करेंगे। 

इसी इनिशीएटिव के तहत पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। परन्तु जब भी पोलियो वैक्सीनेशन की टीम इस अभियान पर किसी इलाके में जाती है तो उन पर हमले किए जाते हैं। ऐसे ही हमलों में कई पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हो चुकी है। 

माना जा रहा है कि इन हमलों के पीछे का कारण लोगों में फैला भ्रम है। लोगों का मानना है कि पोलियो की वैक्सीन लगने के बाद बच्चे नपुंसक हो जाते हैं। वैक्सीन लगने के बाद बच्चों के शरीर की वृद्धि सही तरह से नहीं हो पाती है। 

इन हमलों के पीछे का एक कारण यह भी माना जाता है कि अमेरिका ने अल कायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए एबटाबाद के क्षेत्र में ऐसा ही एक मुहिम चलाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक लादेन को मारने के लिए अमेरिका ने 2011 में उस क्षेत्र मे फर्जी हेपेटाइटिस टीके का अभियान को चलाया था। उसके बाद से ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हमलों की संख्या ज्यादा बढ़ गई। अब तक इस तरह के हमलों में कुल 105 लोग मारे जा चुके हैं। 

पाकिस्तान की अगर बात करें तो 2019 में वहां पर कुल 147 केस सामने आए थे। पाकिस्तान में 1994 से ही पोलियो मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। अफगानिस्तान में हाल यह है कि हेल्थ वर्कर्स 5 साल के कम बच्चों को पोलियो की खुराक नहीं पिला पा रहे हैं, इसका कारण तालिबान का अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर पोलियो वैक्सीन लेने पर बैन लगाना बताया जा रहा है। 2020 में सबसे अधिक मामले इन्हीं इलाकों से रजिस्टर हुए। 

आपको बता दें कि 2014 में तीन साल तक पोलियो का कोई मामला सामने ना आने पर भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया था। 2018 में पोलियो के केवल 18 केस थे जबकि पिछले साल यह संख्या बढ़कर 1226 हो गए। कोरोना महामारी के कारण पोलियो मुक्त अभियान में बाधा आई है जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंता व्यक्त कर चुका है। 

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