High Court से मांग : मुगल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल में मूर्तियां छुपाई थीं, उसे खोजने का आदेश दे हाईकोर्ट

इस पूरे मामले के याचिकाकर्ता डॉ रजनीश सिंह हैं जिन्होंने याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ता अपने आप को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी होने का दावा करते हैं

0
432

लखनऊ / आगरा / दिल्ली ।  इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि मुग़ल बादशाह शाहजहां ने जिस जगह पर ताजमहल का निर्माण कराया उस जगह पर प्राचीन मंदिर था उसमें मूर्तियां रखी हुई थी। शाहजहां ने उन मूर्तियों को ताजमहल परिसर में कहीं छुपा दिया है। याचिका में मांग की गई है कि ईकोर्ट उन मूर्तियों को खोजने के लिए सरकार को आदेश जारी करे।

याचिका में कहा गया है कि एएसआई को ताजमहल परिसर के अंदर 20 से अधिक कमरों के दरवाजे खोलने का आदेश दिया जाये। याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि हाईकोर्ट तथ्यों को जनता तक लाने के लिए सरकार को एक तथ्य खोज समिति गठित करने का आदेश दे।

याचिकाकर्ता का दावा है कि मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर ताजमहल निर्माण के दौरान मंदिर में मौजूद  मूर्तियों और शिलालेखों जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्यों को छुपा दिया गया था जिन्हें तलाश करने के लिए हाईकोर्ट से निर्देश देने की भी मांग की गई है।

आपको बता दें कि याचिका में तर्क दिया गया है कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था। याचिका में दलील दी गई है कई इतिहासकारों ने भी इस बात का समर्थन किया है,। याचिका में कहा गया है कि 4 मंजिली इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 22 कमरे है, जो अस्थाई रूप से बंद है दावा किया जा रहा है कि उन कमरों में भगवान शिव का मंदिर है।

इस पूरे मामले के याचिकाकर्ता डॉ रजनीश सिंह हैं जिन्होंने याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ता अपने आप को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी होने का दावा करते हैं। डॉ रजनीश ने अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश स्थित विश्वप्रसिद्ध इमारत ताजमहल प्राचीन स्मारक है। इस स्मारक के संरक्षण के लिये प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं इसलिए इस इमारत के बारे में सही और पूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों को जनता के सामने लाना चाहिए।

LEAVE A REPLY