लखनऊ / दिल्ली । Ram Temple Land Purchase Financial Fraud प्रभु श्रीराम के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। मंदिर के नाम पर हजारों करोड़ रुपए चंदा वसूलने वाले श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra Trust ) में जमीन खरीद के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है। चंपत राय ने करोड़ों रुपए चंपत कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने ये आरोप ही नहीं लगाए, बल्कि इसके प्रमाण भी मीडिया के आगे रखे। वह रविवार को गोमतीनगर स्थित पार्टी कार्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
संजय सिंह ने कहाकि, यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मामला है। देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की इससे आस्था जुड़ी हुई है। इसीलिए राममंदिर निर्माण के नाम पर देश भर से लोगों ने हजारों करोड़ रुपए ट्रस्ट को चंदे में दिए। अब उसी ट्रस्ट में उनके चंदे की धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।
ऐसा माना जा रहा है कि कि अयोध्या में गाटा संख्या 243, 244, 246 की जमीन जिसकी मालियत पांच करोड़ अस्सी लाख रुपये है, उसको दो करोड़ रुपए में कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी (Sultan Ansari ) और रवि मोहन तिवारी ने खरीदा। इस जमीन खरीद में दो गवाह बने, एक अनिल मिश्र (Anil Kumar Mishra) और दूसरे रिषिकेश उपाध्याय (Rishikesh Upadhyay ) जो अयोध्या के मेयर हैं। पांच मिनट बाद ये जमीन रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में खरीद ली। 17 करोड़ रुपए आरटीजीएस कर दिया गया। लगभग साढ़े पांच लाख रुपए प्रति सेकेंड की दर से जमीन का दाम बढ़ गया।
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि, प्रभु श्रीराम के नाम पर जिस तरह तेजी से जमीन की कीमत बढ़ी वह अपने आप में रिकार्ड है। जो अनिल रिषिकेश तिवारी सुल्तान और रवि मोहन तिवारी की खरीद में गवाह थे, वही ट्रस्ट के बैनामे में भी गवाह बन गए। मैं समझता हूं आज उन करोड़ों भक्तों को ठेस लगी होगी, जिन लोगों ने भगवान राम के मंदिर के निर्माण पर चंदा दिया। मंदिर निर्माण के नाम पर ट्रस्ट के पदाधिकारी करोड़ों का भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
इस रिपोर्ट में जो नयी बात सामने आयी है उसमें यह पता चला है कि उसी दिन ट्रस्ट ने एक और प्लाट खरीदा है जो सीधे हरीश और कुसुम पाठक से खरीदा गया है जो 1.037 हेक्टेयर का है जिसकी कीमत 8 करोड़ रुपये है .इस मामले की इंडियन एक्सप्रेस ने जांच की तो पता चला सितंबर 2019 में हरीश पाठक और कुसुम पाठक और सुल्तान अंसारी सहित नौ अन्य व्यक्तियों के बीच हस्ताक्षरित समझौते किया था जिसके लिए 2 करोड़ रुपये तय की राशि तय की गयी थी।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक सरकारी अधिकारी ने दावा किया है कि पाठक ने ट्रस्ट को सीधे जमीन बेचा है उन्होंने बताया कि 2019 का समझौता रद्द होने के बाद, कुसुम और हरीश पाठक तकनीकी रूप से ट्रस्ट को सीधे जमीन बेचने के लिए स्वतंत्र थे।
राजस्व विभाग से जुड़े एक बड़े अफसर की माने कि किसी भी जमीन को अगर सरकार लेती है तो शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट से दोगुना और ग्रामीण क्षेत्र में 4 गुना से ज्यादा मुआवजा नहीं दिया जा सकता है, लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा अयोध्या नगर क्षेत्र में जो जमीन खरीदी गई वो सर्किल रेट से तीन गुना रेट पर ली गई है।
अमूमन जब कोई निजी व्यक्ति, संस्था या ट्रस्ट जमीन खरीदती है तो वह कम से कम कीमत देने की कोशिश करती है, ताकि पैसा बचाया जा सके, लेकिन 1.208 हेक्टेयर जमीन खरीद के मामले में राम मंदिर ट्रस्ट पर सर्किल रेट से तीन गुना पैसा देने का आरोप लग रहा है।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय में मीडिया से बात करते हुए राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस ब्राण्ड के साधु-संत इस मुद्दे को उठा रहे हैं. जमीन बेचने वाला मुस्लिम है. कहीं किसी को परेशानी नहीं है. बाजार मूल्य से कम कीमत पर जमीन खरीदी हैं. लोग परेशान हैं कि रामजन्म भूमि के कारण भाजपा को लाभ मिल रहा है. इसलिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह जैसे लोग सवाल उठा रहे हैं. आप जानते हैं कि संजय सिंह गलतबयानी को लेकर कई बार हाईकोर्ट में माफी मांग चुके हैं ये लोग सिर्फ एक षड्यंत्र करते हैं।