गरीबी। अभिशाप, अवस्था या अव्यवस्था !

गरीबी क्या है? मानव के लिए अभिशाप! मानव जीवन की एक अवस्था या देश में फैली अव्यवस्था! पढिये टीवी जर्नलिस्ट श्रुति को ।

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लखनऊ ( एडिटर डेस्क) । ये तस्वीर देख रहे हैं आप! ये तस्वीर है गरीबी के अभिशाप की। ग़रीबी ऐसी चिंता है देश की जिस पर बात तो हम सब करते हैं लेकिन उनके दर्द को महसूस करके उसे मिटाने की कोशिश शायद कोई नहीं करता और जो हाथ बढ़ाता भी है वो कुछ कारणों के चलते धीरे-धीरे ठंडा पड़ जाता है।

देश की मौजूदा हालात की अगर बात करें तो इस लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा गरीबों पर पड़ी है। आज मजदूर अपने बच्चों का पेट भरने में फेल साबित हो रहा है। वो गरीब मजदूर जो रोज़ खून पसीना बहा कर दो जून की रोटी जुगाड़ कर पाता था तब जाकर उसके घर का चूल्हा जल पाता था आज उसकी आंखें शर्म से झुकी हुई हैं और पेट सिकुड़ के पीठ से जा मिला है। आज उसकी ऐसी हालत हो गई है कि सूखे रूखे भोजन के लिए भी तरस रहा है।

कुछ गरीब लॉकडाउन के चलते अपने अपने घर परिवार से भी दूर हैं ऐसे में न उनके पास पैसा है और न ही कोई कमाई का साधन। कहने को बहुत सारे इंतजाम किए गए हैं सरकारे और समाज बड़े बड़े दावे कर रहे है खाना राशन सब पहुंचाया जा रहा है लेकिन ये दावे हकीकत में क्यों नहीं बदल पा रहे हैं इन बेबस बेचारों तक राहत सामग्री क्यों नहीं पहुंच रही? ये सवाल सोचने पर मजबूर कर रहा है। उन मासूम बच्चों का चेहरा देखकर दिल दहल उठता है जो ये कहता है ‘कम खाना है तो क्या हुआ मिल बांटकर खा लेंगे। 

अच्छा ज़रा सोचिए हमारे देश में ट्रंप जैसे रईस लोगों के आने पर गरीबों को छिपाने की जरूरत क्यों पड़ती है? जितने पैसे ट्रंप से गरीबों की गरीबी छिपाने मे खर्च किए गए उतना ही अगर उन गरीबों पर खर्च किए गए होते तो आज गरीबों की संख्या जरूर कुछ कम हुई होती।

गरीब भूख से बेहाल है कुछ तो भूख से ही मरे जा रहे हैं लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। कुछ अमीर वर्ग जिनके हर लहजे और जुमले में सिर्फ अहंकार झलकता है वो किसी न किसी पॉलिटिकल पार्टी की चमचागिरी कर रहा है उसकी तारीफें किए जा रहा है लेकिन कोई बताएगा कि ये गरीब किसकी तारीफ करें? किस सरकार की हां हुजूरी करें जिससे इनका और इनके परिवार का जीना ख़ाना हो सके। बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पिछले कुछ सालों से हमारे देश की नीतियों में गरीबी से नहीं लडा जा रहा बल्कि गरीबी के नाम पर गरीबों से जंग जारी है। 

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  1. बहुत ही सटीक और शानदार लिखा है आपने श्रुति

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