BJP की विचारधारा और अयोध्या फैसले के खिलाफ लड़ेगी Peace Party

डॉक्टर अय्यूब ने साफ कहा कि एक तरफ सरकार एक देश, एक कानून की बात करती है, दूसरी तरफ सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लाने की बात कहती है, जो धार्मिक आधार पर लाया जा रहा है। पीस पार्टी इस बिल का विरोध करती है क्योंकी ये बिल मानवता और हमारे सामविधान के विचारधारा के विपरीत है

0
648

दिल्ली/लखनऊ।  पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्य्क्ष डॉक्टर अय्यूब ने कहा कि मुल्क के मौजूदा दौर में केंद्र सरकार ऐसे मुद्दों को बढ़ावा देने में लगी है जिससे मुसलमान समाज के लोगों को परेशान किया जा सके, लेकिन पीस पार्टी बीजेपी की इस विचारधारा के खिलाफ लड़ेगी । डॉक्टर अय्यूब ने साफ कहा कि एक तरफ सरकार एक देश, एक कानून की बात करती है, दूसरी तरफ सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लाने की बात कहती है, जो धार्मिक आधार पर लाया जा रहा है। पीस पार्टी इस बिल का विरोध करती है क्योंकी ये बिल मानवता और हमारे सामविधान के विचारधारा के विपरीत है और पार्टी इसके विरोध में देशभर में आंदोलन खड़ा करके सड़क से संसद तक विरोध करेगी और अवश्यकता पड़ने पर संसद भवन का घेराव किया जाएगा।

डॉ अय्यूब ने कहा कि देश के गृहमंत्री अमित शाह कहते है कि , हिन्दू, पारसी, बौद्ध,सिख, ईसाई और जैन धर्म के लोगों को नागरिकता दी जाएगी , सवाल ये है कि मुस्लिम क्यों नहीं? क्या मुसलमान भारत के नागरिक नहीं है? आखिर क्यों संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 समानता के अधिकार के खिलाफ जाकर केन्द्र सरकार ऐसा करने जा रही है।

उन्होंने कहा हम सरकार को कहना चाहते है कि हम सड़क पर लड़ाई लड़ेंगे। पूरे मुल्क में एनआरसी पर बहस हो रही है सरकार कहती है कि वो देशभर में एनआरसी लागू करेंगे हम साफ कहते है कि असम में इसका नतीजा सरकार ने देख लिया है और इसी कारण CAB में धार्मिक रोड़ा अटका कर नफरत की सियासत करना चाहती है लेकिन पीस पार्टी स्पष्ट कर देना चाहती है कि अगर धर्म के आधार पर एनआरसी लाया गया तो हम पूरे देश में इसका बहिष्कार करेंगे क्योंकि यह अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों का हनन है और संविधान को बदलने का बड़ा षड्यंत्र है क्या सरकार चाहती है कि देशभर में अफरा तफरी मच जाए, क्या सरकार चाहती है कि लोगो को फिर से लाइनों में लगना पड़े।

अयोध्या फैसले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करेंगे

दूसरा मुद्दा हमारा बाबरी मस्जिद से जुड़ा है जिस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। पीस पार्टी आज ये एलान करती है कि इसी हफ्ते हम रिव्यू पिटीशन दाखिल करने जा रहे है। पीस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है जिसके ख़िलाफ़ रिव्यू पिटीशन दाख़िल होनी ही चाहिए। हमने अपने वकीलों से इस बारे में मशवरा भी किया जिसके बाद इसी नतीजे ओर पहुंचे क्योंकि 1962 में अदालत ने बाबरी मस्जिद से जुड़े मामले को सारे मुसलमानो की तरफ से तस्लीम किया था इसलिए किसी भी मुसलमान को ये हक है कि वो इस मामले में रिव्यू पिटीशन के लिए जा सकता है। इसलिए हम इस कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाएगे।

LEAVE A REPLY