रंगों और रेखाओं के जरिये जीवन का संदेश देकर नीता की चित्रकला प्रदर्शनी विदा, फिर मिलेंगे।

न्यूज डॉन से Exclusiv बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है लेकिन पेंटिंग मेरी हॉबी है, ऐसा कुछ खास प्लान नहीं किया था, बस मन में विचार ने जन्म लिया बस उस विचार को मूर्त रूप देने के लिए हाथ में ब्रश पकड़ा एक चित्र बनाया दूसरा चित्र बनाया और फिर चित्र बनते ही चले गए।

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लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । राजधानी लखनऊ के राष्ट्रीय ललित कला अकादमी में चल रही नीता की चार दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का रविवार को समापन हो गया। फ्रेम में कैद रंगों और रेखाओं के जरिये जीवन के विविध पहलुओं को दर्शाती चित्रकारी बृहस्पतिवार से शुरू हुई थी। यहाँ  नीता की 50 से ज्यादा पेंटिंग्स  प्रदर्शित की गई ।नीता सिंह की पेंटिंग में भगवान बुद्ध की पेंटिंग आकर्षण का केंद्र रही।

चित्रकला प्रदर्शनी में लखनऊ एवं आसपास के क्षेत्रों के अलावा दूर दूर से लोग आये थे, हमारी संवाददाता आरिशा ने कुछ लोगों से प्रदर्शनी चित्रों के बारे में पूछा, एक चित्रकला प्रेमी रवि कश्यप ने कहा कि चित्रकार नीता सिंह की पेंटिंग में जितनी खूबसूरती बारी डिजाइन की है उतनी ही उम्दा तरीके से पारदर्शिता को भी दिखाया गया है। इससे कलाकार का पैशन और पेशेंट दोनों जाहिर होता है।

नीता सिंह ने हमारी संवाददाता आरिशा से बात करते हुए बताया कि, भगवान बुद्ध को कैनवास पर अंकित कर आर्टिस्टिक फॉर्म में कंपोज किया गया है। यह पूछे जाने पर कि पेंटिंग आपका पैशन (Passuon) है या प्रोफेशन ( Profession)  ! नीता का कहना है कि वो अपने शौक के लिए चित्रकारी करती हैं वो कहती हैं कि मैं अपने प्लीज़र के लिए पेंटिंग करती हूँ। चित्रकारी से मुझे खुशी और संतुष्टि मिलती है। उन्होने यह भी बताया कि वो पिछले 25 सालों से पेंटिंग कर रही हैं।

न्यूज डॉन से Exclusiv बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है लेकिन पेंटिंग मेरी हॉबी है, ऐसा कुछ खास प्लान नहीं किया था, बस मन में विचार ने जन्म लिया बस उस विचार को मूर्त रूप देने के लिए हाथ में ब्रश पकड़ा एक चित्र बनाया दूसरा चित्र बनाया और फिर चित्र बनते ही चले गए। उन्हें प्रकृति से काफी लगाव है सबसे पहले उन्होंने पहाड़ों की पेंटिंग से शुरू किया फिर  वूमेन की पेंटिंग बनाई कई गॉड सीरीज़ बनाईं। उन्होंने बताया कि बुद्ध सीरीज़ और रिदम आफ लाइट डांसिंग फीगर्स बनाये हैं।

क्या एक क़ामयाब महिला के पीछे पुरुष का योगदान होता है? इस सवाल के जवाब में नीता ने कहा जिस तरह एक कामयाब पुरूष के पीछे एक महिला का हाथ होता है उसी तरह एक कामयाब महिला के पीछे भी पुरुष का हाथ होता है । मेरे पति  हमेशा चित्रकारी के लिए मुझे प्रोत्साहित करते हैं मेरी चित्रकला में उनकी अहम भागीदारी रही है वह  पेंटिंग  के लिए हमेशा मोटिवेट और सपोर्ट करते हैं।

परफार्मिंग आर्ट एंड क्राफ्ट  में करियर की संभावनाओं पर बातचीत करते हुए  चित्रकार नीता सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में करियर की बुलंदी तक जाने की अपार संभावनाएं हैं। यदि कोई छात्र चित्रकारी में अपना करियर बनाना चाहे  तो सबसे जरूरी है कल्पनाओं को उड़ान देना। नये तरीके से सोचना और उसे कूंची के जरिए कैनवास पर उतारना। मेहनत और लगन के बिना तो कुछ भी संभव नहीं है  लेकिन अगर हम ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं। बॉलीवुड की मूवी का एक डॉयलॉग याद हे ना, अगर हम शिद्दत से किसी को चाहें तो पूरी क़ायनात उसे मिलाने में लग जाती है।

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