लड़की हूँ लड़ सकती हूँ : प्रियंका का नारा कॉग्रेस दफ्तर में ही फेल, नहीं दिखी कोई लड़की या फीमेल

नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्टूडेंट विंग है। इसकी स्थापना 1971 में की गई थी। इस संगठन का उद्देश्य सत्ता से परे समाज के लिए संघर्ष करना l छात्रों के लिए संघर्ष के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में असमानता के ख़िलाफ़ संघर्ष करना भी है।  उत्तर प्रदेश में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं l इस संबंध में छात्रों एवं युवाओं के बीच इस संगठन की गतिविधियों को रिपोर्ट किया है हमारी संवाददाता ज़ीनत वारसी ने

1
746

दोपहर का वक्त था, यूनिवर्सिटी में मेरी क्लास ओवर हो गयी थी मैं वहां से निकल कर अपने आफिस जा रही थी कि मेरी नजर ग्राउंड पर लगी स्टूडेंट्स की भीड़ पर गयी। पूछने पर पता चला कि कॉग्रेस पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई का सदस्यता अभियान चल रहा है। आफिस पहुंचकर इसका जिक्र मैंने अपने सम्पादक से किया तो उन्होंने इस स्टोरी से संबंधित तथ्य इकट्ठा करने को कहा और इसी स्टोरी के लिए असाइनमेंट मुझे दे दिया। मैं अपनी टीम ( आरिशा, प्रिंस और विकास) के साथ अपने विश्वविद्यालय ख्वाजा मुईनुददीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय पहुंची l वहां पर एनएसयूआई के बारे में पूछने पर स्टूडेंट्स ने बताया कि यूनिवर्सिटी ज्वाइन करने से पहले तो नाम भी नहीं सुना था लेकिन पिछले एक डेढ़ साल से ये संगठन सक्रिय नजर आ रहा है।

आपको बताते चलें कि नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्टूडेंट विंग है। इसकी स्थापना 1971 में की गई थी। इस संगठन का उद्देश्य सत्ता से परे समाज के लिए संघर्ष करना है। छात्रों के कल्याण लिए संघर्ष करना, लैंगिक संवेदनशीलता और समानता के लिए संघर्ष करना, शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता के लिये संघर्ष करना, शिक्षा के क्षेत्र में असमानता के ख़िलाफ़ संघर्ष करना, भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करना और नशीले पदार्थों के ख़िलाफ़ संघर्ष करना है।

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सेमिनार और सम्मेलनों का आयोजन करता रहता है l व्याख्यान, पैनल चर्चा करना , सेमिनार और सम्मेलनों का आयोजन , अध्ययन दौरा, संस्थागत दौरा करता है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन शैक्षणिक गतिविधियाँ भी चलाता है l यह छात्रों को कानूनी सहायता देने के लिए कानूनी अनुसंधान समूह भी संचालित करता है l निबंध प्रतियोगिताएं एवं अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों को जानने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भी भेजता है।

एनएसयूआई की गतिविधियों एवं कार्ययोजनाओं पर जानकारी लेने हम लोग उत्तर प्रदेश कॉग्रेस कमेटी पहुंचे। वहां पर हमारी मुलाकात NSUI के प्रदेश अध्यक्ष (मध्य) अनस रहमान से हुई। छात्र संगठन की गतिविधियों के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि छात्र हित के अलावा हमने संपूर्ण मानव हित में काम किया है। कोरोना की वजह से पूरे देश का पहिया जाम था जो जहाँ है वहीं रुकने का प्रधानमंत्री का फरमान था। ऐसे विकट समय में एनएसयूआई ने हर जिले में छात्र रसोई की शुरुआत की। कोरोना काल में कॉग्रेस शासित प्रदेशों से स्पेशल बसें चलाई गई ताकि फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया जा सके।

अनस रहमान कहते हैं लॉकडाउन के बाद स्कूल कॉलेज खुलने लगे तो फीस की समस्या सामने आई l पिछले दो सालों से बिना किसी कमाई के एक मध्यमवर्गीय परिवार अपने बच्चों की स्कूल फीस कैसे भरे? अनस रहमान कहते हैं हमने सरकार को ज्ञापन दिया और स्कूलों के संचालकों से बात कर उन्हें सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का अनुरोध करने के साथ – साथ हठधर्मी स्कूलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। ज़ीनत, आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि स्कूलों ने 30 फीसदी फीस माफ की l उसके बाद लगातार हम लोग छात्रों के मदद करते रहे हैं।

तमाम छात्र संगठनों के बावजूद एनएसयूआई ज्वाइन करने के हमारे सवाल पर अनस रहमान कहते हैं l मैंने एक प्राइवेट स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है  lवहां छात्रों की बहुत दिक्कतें थीं l स्कॉलरशिप नहीं आती थी lमेस में अच्छा खाना नहीं मिलता था l टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ भी बहुत आत्मीय नहीं थे ऐसा लगता था जैसे सब कुछ औपचारिक चल रहा है l ऐसे में मुझे एक ऐसे संगठन की तलाश थी जिसकी सोच व्यापक हो जिसका नेतृत्व उदार हो और जिसकी पहुंच देशव्यापी हो इसीलिये मैं कॉग्रेस के छात्र संगठन में शामिल हुआ और महासचिव के पद पर रहते हुए आज आपके सामने हूँ।

रिपोर्टर ज़ीनत ने पूछा कि प्रियंका गॉधी ने दो महत्वपूर्ण बातें कही हैं एक नारा दिया है, लडकी हूँ लड़ सकती हूँ और दूसरा आश्वासन दिया है कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में 40 फीसदी टिकट लड़कियों / महिलाओं को दिये जायेंगे। आपको बताऊं अनस जी कि मैं पूरा कॉग्रेस कार्यालय  घूम आई हूँ लेकिन कोई लड़की /महिला मुझे नहीं दिखी । ऐसे कैसे पूरा होगा प्रियंका का वादा?

अनस रहमान  थोड़ा झिझकते हुए लेकिन खुद को संभालते हुए कहते हैं ज़ीनत आपकी बात सही है लेकिन आप थोड़ा देर से आई हैं। शाम ढल रही है और रात होने आई है l ये सच है कि इस वक्त कार्यालय में महिलाएं नहीं है लेकिन आपको ये सवाल मुझसे ज्यादा गृहमंत्री अमित शाह से पूछना चाहिए l उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में उत्तर प्रदेश में 16 साल की लड़की पूरे गहने पहन कर रात के 12 बजे भी सड़कों पर अकेली सुरक्षित घूम सकती है, फिर अंधेरा होते ही लड़कियां घरों में कैद क्यों हो जाती हैं?

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ( एनएसयूआई) के सेंट्रल यूपी के प्रेसिडेंट अनस रहमान कहते हैं विधानसभा चुनाव के बाद प्रियंका जी की नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी तो सबसे पहले राज्य के हर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाल होंगे l छात्रहित के मुद्दे सबसे आगे रखे जायेंगे।

1 COMMENT

  1. ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट ही मीडिया का मकसद है।
    टीम डॉन को शुभकामनाएं

LEAVE A REPLY