लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण एवं उसकी डिग्री को मुख्य धारा की डिग्रियों के समकक्ष बनाने की कवायद शुरू की है जिसके तहत मदरसों की जांच का फैसला किया है। हालांकि मुस्लिम समुदाय में मदरसों की जांच को लेकर कुछ बेचैनियां हैं जिसको लेकर उतर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद ने शनिवार को एक बयान जारी किया।
डॉ इफ्तिखार ने कहा कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली से लैस शिक्षक मदरसों की जांच से से ना घबराएँ बल्कि जांच में सहयोग करें। मदरसों की जांच से आधुनिक शिक्षकों का भला होने वाला है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे मदरसे आधुनिक शिक्षकों के वेतन के चक्कर में मदरसा नियमावली का उल्लंघन कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ इफ्तिखार ने बताया कि नियमावली के अनुसार किसी भी मदरसे का संचालन सिर्फ़ और सिर्फ़ मुस्लिम अल्पसंख्यक संस्था ही कर सकती है जबकि हकीकत कुछ और ही नज़र आ रही है उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि मदरसे कागज़ पर कुछ और हक़ीक़त में कुछ और ही नज़र आ रहे हैं।
डॉ इफ्तिखार ने कहा कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के कामकाज व कार्यों में पारदर्शिता लाना मेरा मक़सद है उन्होंने प्रदेश के मदरसों के प्रबन्धकों व शिक्षकों के साथ-साथ अन्य सामाजिक संघठनों से जुड़े लोगों से अपील की है कि सभी लोग अपने-अपने जिलों में हो रही जांच में सहयोग करें। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि मेरा मक़सद मदरसों में पढ़ने वाले 20 लाख बच्चों के भविष्य को बुलंद करना है ना कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों की तरफदारी करना।