लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । भाषाओं के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित ख्वाजा मुईनुददीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के आधे से अधिक शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के आदेश के खिलाफ बगावत कर दी है।
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार संजय कुमार ने मंगलवार को एक कार्यालय ज्ञाप जारी कर शिक्षकों, अधिकारियों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं एवं आवश्यक कार्यवाही के लिए कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक को प्रेषित किया है। हालांकि कार्यालय ज्ञाप में अधिकारियों कर्मचारियों एवं शिक्षकों की उपस्थिति, छुट्टी एवं अनुशासन पर जोर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार अभी हाल ही में संपन्न हुए मिड टर्म के इम्तिहान के संबंध में ये चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं कि बगैर पढ़ाये ही मनमाना प्रश्न पत्र देकर छात्रों की परीक्षा करा दी गई। कुछ छात्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि एक पेपर में तो मिड टर्म इम्तिहान से महज तीन दिन पहले सिलेबस शेयर किया गया। भाषा विश्वविद्यालय में मनमाना पढ़ाई, मनमाना प्रश पत्र और मनमाना अंक देने का ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के स्नातकोत्तर के कुछ छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब वो स्नातक फाइनल सेमेस्टर में थे तो सेमेस्टर इम्तिहान के एक पेपर में दो छात्रों के अलावा सभी स्टूडेंट्स को फेल कर दिया गया था। जब हम लोगों ने चांसलर के पास शिकायत दर्ज कराने की बात कही तो आनन फानन में दुबारा इम्तिहान कराये गये थे।
आपको बता दें कि कुलपति अनिल शुक्ला के एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर चले जाने के बाद छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक को ख्वाजा मुईनुददीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
आपको ये भी बताते चलें कि प्रोफेसर पाठक को दुबारा भाषा विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार मिला है। कुलपति प्रो पाठक को अकादमिक क्षेत्र में अनुशासन, परिश्रम, प्रशासन एवं पढाई के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता हैं।