लखनऊ / दिल्ली / मुजफ्फरनगर । उत्तर प्रदेश के पूरे इलाके में महापंचायत होने जा रही है जहां हजार से ज्यादा किसान नजर आ रहे हैं जो आने वाले चुनाव में काफी अहमियत रखेगा भाजपा सरकार के लिए। यूपी में पूरे 18 मंडल है और सभी किसान उन 18 मंडलों में जाकर पंचायत करेंगे ऐसी खबर है कि सभी किसान बनारस,गोरखपुर और लखनऊ जाकर ऐसी किसान महापंचायत करेंगे।
मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत हुई । महापंचायत जीआईसी ग्राउंड पर हुई पंचायत में 300 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हुए, संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है की है किसानों की अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत है महापंचायत में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जबतक मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर अगर हमारी कब्रगाह भी बन गई, तो भी हम वहां से नहीं हटेंगे।
राकेश टिकैत ने बोला कि महापंचायत में हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश से ज्यादा लोग आएंगे जो प्रतिनिधि मंडल के है वह लोग अलग-अलग स्टेट से जाएंगे उनकी बातें और विचार स्टेट के मुताबिक रखेंगे जऐगी 3 कानून है उनके बारे में मुख्यतः से चर्चा की जाएगी। बिजली, प्रदूषण और सरकार जो देश की बड़ी-बड़ी संस्थाएं बेच रहे हैं उनके बारे में चर्चा होगी।
टिकैत ने कहा कि देश में सेल फॉर इंडिया का बोर्ड लगा है और इसे खरीदने वाले अंबानी-अडाणी हैं. उन्होंने कहा, FCI के गोदाम भी कंपनी को दे दिए. बंदरगाह भी बिक गए, मछली पालन और नमक के किसान पर असर होगा. ये पानी भी बेचेंगे. भारत बिकाऊ है, ये भारत सरकार की पॉलिसी है. अंबेडकर का संविधान भी खतरे में है।
मुजफ्फरनगर से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का कहना है कि अगर किसान नेता राजनीति में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. उन्होंने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, अगर वो (संयुक्त किसान मोर्चा) राजनीति में आना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। राकेश टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों को लेकर भी बात कही. उन्होंने कहा कि भले ही वहां हमारी कब्रगाह बन जाए, लेकिन हम वहां से नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘हम आपसे वादा लेकर जाते हैं कि अगर वहां पर हमारी कब्रगाह बनेगी तो भी हम मोर्चा नहीं छोड़ेंगे.बगैर जीते वापस नहीं आएंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये लोग बांटने का काम कर रहे हैं, हमें इन्हें रोकना है। पहले देश में अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे साथ-साथ लगाए जाते थे और आगे भी लगेंगे। उन्होंने भीड़ से अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे भी लगवाए। उन्होंने कहा, यूपी की जमीन को दंगा करवाने वालों को नहीं देंगे।
टिकैत ने कहा कि ये लड़ाई तीन काले कानूनों से शुरू हुई 28 जनवरी को आंदोलन का कत्ल होता हजारों की फोर्स थी, हम सैकड़ों थे, लेकिन डटे रहे। टिकैत ने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक हम वहां से हटेंगे नहीं। हम किसी भी कीमत पर वहां से नहीं जाएंगे। हमें फसलों पर एमएसपी की गारंटी चाहिए और जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक पूरे देश में संयुक्त मोर्चा आंदोलन करेगा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 9 महीने से आंदोलन हो रहा है लेकिन सरकार ने बात बंद कर दी. सैंकड़ों किसानों के लिए एक मिनट का मौन नहीं किया।उन्होंने कहा, देश में बड़ी मीटिंग करनी होगी।सिर्फ मिशन UP नहीं देश बचाना होगा।बेरोजगारी और जिस तरह से चीज बेची जा रही है, उसकी अनुमति किसने दी।
किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि 8 अप्रैल 1857 को मेरठ में बगावत हुई थी और उसने अंग्रेजी शासन खत्म कर दिया था। अब उसी तरह का जोश मुजफ्फरनगर में दिख रहा है। जिस तरह से ईस्ट इंडिया कंपनी को हटाया, उसी तरह मोदी-शाह को हटाना है। उन्होंने बताया कि अगर मीटिंग 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में गन्ने को लेकर होगी।
किसानों के बीच एक लघु भारत सिमट आया। जितने लोग जीआईसी के मैदान पर करीब उतने ही बाहर सड़क पर आ जा रहे थे। इनमें जोश देखते ही बन रहा था। किसानों के जत्थे अपनी अलग वेशभूषा में भी थे। भाकियू उग्राहू की महिलाएं पीले रंग का दुपट्टा ओढ़कर पहुंची, जिनके हाथों में झंडे भी हरे और पीले रंग के थे। इन महिलाओं में बलजीत कौर, अमरजीत कौर संगरूर से करीब 80 महिलाओं के साथ पहुंची।