गोरखपुर के गॉव वाले भयभीत, रोहिणी ऊपर जबकि राप्ती नदी खतरे के निशान से सिर्फ एक मीटर दूर

आने वाले 24 से 48 घंटों में यहां भी जलस्तर में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। जिला प्रशासन की ओर से जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है, सभी 86 बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया है।

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लखनऊ / गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर बााढ़ की विभीषिका से भयभीत हैै। कैंमपियरगंज में लोगों की सुविधा के लिए नाव लगाई गई है प्रशासन ने तकरीबन 1000 नौकाओं को आपातकालीन परिस्थितिियों से निपटने के लिए प्रबंध कर रखा है।

आपको बताते चलें कि रोहिणी नदी खतरे के निशान से करीब 1 मीटर ऊपर है, इधर राप्ती नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुंच गया है, यानी खतरे के बिंदु से लगभग 1 मीटर नीचे राप्ती बह रही है और जल स्तर में लगातार वृद्धि जारी है। 

आने वाले 24 से 48 घंटों में यहां भी जलस्तर में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। जिला प्रशासन की ओर से जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है, सभी 86 बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया है। बाढ़ पीड़ितों में राशन सामग्री एवं कोरोना से बचाव का किट बांटने के लिए टेंडर भी खोला जाएगा।  

गोरखपुर के मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी शनिवार को देवरिया जाएंगे, और वहां बाढ़ बचाव तथा टीकाकरण कार्ड की समीक्षा करेंगे। रविवार को गोरखपुर में विभाग के मुख्य अभियंता एवं जिला अधिकारियों के साथ बैठकर स्थिति का जायजा लेंगे, और लोगों की सहायता के लिए जरूरी दिशा निर्देश होगा। 

नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बड़े अधिकारियों की ओर से मानिटरिंग की जा रही है। तहसील क्षेत्र में कुछ स्थानों पर रेट हॉल मिले वही यहां कुछ दिन पहले ही बंदधे के गैप को बोरे से भरा गया था, लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर वहां मिट्टी धंसने लगी ।  

आपको बता दें कि जिले की सभी बाढ़ चौकियों पर जरूरी सामान उपलब्ध करा कर वहां बैनर पर चौकी प्रभारी सहित सभी कर्मियों का नाम, पदनाम व मोबाइल नंबर दर्ज करने को बोला गया , रोहिणी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है, उधर जिला प्रशासन को बाढ़ पीड़ितों के लिए खाद्य सामग्री एवं जुटा आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को बोला गया है।

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