पढ़िये, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की पूरी कहानी न्यूज़ डॉन की ज़बानी

पूर्वांचल एक्सप्रेस की कुल लंबाई 341 किलोमीटर है, इस पूर्वांचल एक्सप्रेस पर साढ़े तीन किलोमीटर हवाई पट्टी का निर्माण किया गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस के चालू होने के बाद लखनऊ से गाजीपुर की यात्रा का समय अब 10 घंटे की जगह सिर्फ साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस को रिकॉर्ड 36 महीने में तैयार किया गया है. इस पर कुल 22 हजार 435 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. पूर्वांचल एक्सप्रेस से उत्तर प्रदेश के 9 जिले जुड़ेंगे

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लखनऊ / ग़ाज़ीपुर / दिल्ली ।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे राष्ट्र को समर्पित किया। ऐसा कहा जा रहा है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस से उत्तर प्रदेश की विकास की गाड़ी सरपट भागेगी। 341 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे के चालू होने का इस क्षेत्र के लोगों को बेसब्री से इंतजार था। इसके चालू होने के बाद न सिर्फ लखनऊ से गाजीपुर की यात्रा का समय कम हो जाएगी, बल्कि इस इलाके की तस्वीर भी पूरी तरह से बदल जाएगी। 22 हजार 500 करोड़ रुपये में यह 6 लेन का एक्सप्रेस वे रिकॉर्ड 36 महीने में बनकर तैयार किया गया है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस पर साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी है इसका इस्तेमाल युद्धकाल में आपात स्थिति में किया जा सकता है लड़ाकू विमान इस हवाई पट्टी पर आसानी से लैंड और टैक ऑफ कर सकता है. इसकी कुछ बानगी आज दिखाई गई। पूर्वांचल एक्सप्रेस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है इसलिए इसके उद्धाटन को योगी सरकार इतने बड़े मेगा शो पर तब्दील करना चाहती है, ताकि इसका संदेश यूपी के हर वोटर तक जाये।

पूर्वांचल एक्सप्रेस की कुल लंबाई 341 किलोमीटर है, इस पूर्वांचल एक्सप्रेस पर साढ़े तीन किलोमीटर हवाई पट्टी का निर्माण किया गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस के चालू होने के बाद लखनऊ से गाजीपुर की यात्रा का समय अब 10 घंटे की जगह सिर्फ साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस को रिकॉर्ड 36 महीने में तैयार किया गया है. इस पर कुल 22 हजार 435 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. पूर्वांचल एक्सप्रेस से उत्तर प्रदेश के 9 जिले जुड़ेंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर 18 फ्लाईओवर बनाए गए हैं. 7 रेलवे ओवर ब्रिज है. 7 लंबे बुल है. 118 छोटे पुल है और 271 अंडर पास हैं।

आपको बताते चलें कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से सूबे के लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिले सीधे तौर पर जुड़ जायेंगे। लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर चांद सराय गांव से शुरू होकर यूपी के नौ जिलों को जोड़ता हुए ये एक्सप्रेसवे पूर्वांचल की जान बनेगा और गाजीपुर के हैदरिया गांव पर खत्म होगा। जिस यात्रा में दस घंटे लगते थे अब वहीं गाजीपुर से लखनऊ की दूरी सिर्फ 3.5 घंटे की रह जाएगी।

एक्सप्रेस-वे के निकट के 10 किलोमीटर की दूरी तक के गांवों को कनेक्ट किया जा रहा है। यह किसानों के लिए भी फायदेमंद होगा। जो अपनी उपज को सीधे राज्य की राजधानी में ला सकेंगे। एक्सप्रेसवे के किनारे व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी आएगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए वाहनों को 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक स्पीड से चलाने की अनुमति दी जाएगी। एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। पशुओं को रोकने के लिए एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ फेंसिंग की गई है। एक्सप्रेस वे पर लगातार पेट्रोलिंग की भी व्यवस्था है. यहां बनने वाली पुलिस चौकियों के साथ हेलिपैड भी बनाया जाएगा।

एक्सप्रेसवे पर आठ पेट्रोल पंप की योजना है। चार जगहों पर सीएनजी स्टेशन बनाए जाने हैं। बैटरी चार्जिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक सबस्टेशन की भी योजना है। किनारे पर 4.50 लाख वृक्ष लगाए जा रहे हैं। हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का इंतजाम. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर फिलहाल टोल नहीं है लेकिन 11 जगहों पर टोल बूथ बनाए गए हैं।

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