लखनऊ ( राज्य मुख्यालय ) । ग्रामीण हों या नगरीय, महिला हों या पुरुष , नौकरी के लिए सब तैयार रहते हैं पर स्व-रोजगार के लिए उन्हे तैयार करने के लिए तपस्वी राजा भगीरथ का प्रयास करना पडता है । उन्हें सुविधाजनक व सुनिश्चितत इनकम वाला स्व रोजगार चाहिए, स्थान और कच्चा माल चाहिए तथा मार्केटिंग होकर इनकम हर महीने उनके खाते में पहुंच जाये ।
यह निष्कर्ष आज पूर्व डीएसपी श्री शैलेन्द्र सिंह और ग्राम सिद्धपुर गोसांईगंज की महिलाओं के एक ग्रुप से बात-चीत में निकला। वे महिलाएं आचार बनाने, पापड बनाने खाना बनाने में सिद्धहस्त हैं , बना सकती हैं। पर उन्हें मार्केट कहां है , मार्केटिंग रिक्वायरमेंट क्या है पता नहीं ।
शैलेन्द्र सिंह ने इन क्षमतावान भोली महिलाओं को बताया कि मार्केट रिक्वायरमेंट आर्गेनिक माल का है , बी 2 मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट का है , घर के स्वाद वाले भोजन का है , देशी गाय के गोबर व गोमूत्र का है।
महिलाएं अगर ऑर्गेनिक आचार, चूल्हा फ्रेश भोजन , देशी गाय का पालन कर बी 2 दूध, घी , गोबर की खाद , प्रसंस्कृत गोमूत्र का उद्यम करें तो उन्हें घर बैठे प्रति महिला 15 से 20 हजार की आय हो सकती है । महिलाओं के लिए कार्य स्थल, ऑर्गेनिक कच्ची सामग्री और तैयार माल की मार्केटिंग की जिम्मेदारी भी ली।
महिलाओं को इनकम की नयी खिडकी खुलते देख खुशी तो हुई पर झिझक भी , क्योंकि शैलेन्द्र सिंह की गोशाला गांव से एक किलोमीटर दूर है । हम कैसे ऑयल ? यह सवाल कइयो ने उठाया तो शैलेन्द्र ने कहा कि आप सब के घरों में मोटर साइकिलें हैं अपने घरवालों से कहिये कि पहुंचा दे , वे ऐसा न करेंगे तो टांसपोर्ट के लिए रिक्शा कर देंगे।
इतने आश्वासनों और मासिक इनकम के दृष्टिगत स्वयं सहायता समूह बन गया और तय हुआ कि 1 सितम्बर से लगभग 5 हजार लोगों को लंच तैयारी हेतु भोजन किचन आचार-खटाई, बडी इत्यादि का काम शुरू किया जायेगा । इसके लिए ट्रायल रन थोडा पहले ही होगा ।
शैलेन्द्र सिंह की इस प्रेरणादायी मीटिंग को देखने के बाद मुझे अपने गांव की याद आने लगी ,वहां भी बडी संख्या में महिलाएं हैं जो ऐसे ही किसी शैलेन्द्र सिंह की बाट जोह रही हैं , ताकि आम के आम गुठली के दाम उन्हें भी मिलने लगे ।
शानदार स्टोरी