गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रा की मौत, निष्पक्ष जांच को लेकर छात्र आक्रोशित

छात्रों की ओर से प्रदर्शन को लेकर मिली चेतावनी के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन दोनों सतर्क थे। सुबह से ही समूचा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी। प्रदर्शन की महिलाओं के शामिल होने की आशंका को देखते हुए बड़ी संख्या में महिला पुलिस बल को भी मौके पर लगाया गया था।

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लखनऊ  / गोरखपुर। बीएससी गृह विज्ञान की छात्रा प्रियंका कुमारी की मौत को लेकर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का माहौल बेहद गर्म रहा। मौत की निष्पक्ष जांच की मांग के साथ छात्रों के दो गुटों ने मुख्य द्वार प्रदर्शन किया।

पहले से मौजूद भारी पुलिस बल के साथ मौजूद अधिकारियों और विश्वविद्यालय नियंता मंडल ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत किया। इस दौरान छात्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मुख्य नियंता प्रो. सतीश चंद्र पांडेय सौंपा और उसे शासन-प्रशासन पहुंचाने की मांग की। मुख्य नियंता के आश्वासन के बाद छात्र नारेबाजी करते हुए वहां से चले गये।

छात्रों की ओर से प्रदर्शन को लेकर मिली चेतावनी के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन दोनों सतर्क थे। सुबह से ही समूचा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी। प्रदर्शन की महिलाओं के शामिल होने की आशंका को देखते हुए बड़ी संख्या में महिला पुलिस बल को भी मौके पर लगाया गया था।

उधर विश्वविद्यालय प्रशासन भी पूरी तैयारी से था। परीक्षा को सकुशल सम्पन्न कराने और प्रदर्शन को रोकने लिए नियंता मंडल सुबह से ही विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर जम गया था। परीक्षा के लिए उसी को परिसर में प्रवेश दिया जा रहा था, जिसके पास प्रवेश पत्र था। विश्वविद्यालय प्रशासन की सतर्कता के चलते पहली पाली की परीक्षा पूरी शुचिता के साथ सकुशल सम्पन्न हो गई।

परीक्षा सम्पन्न होने के बाद छात्र नेता मनीषा ओझा के नेतृत्व में छात्रों का एक दल मुख्य द्वार पर पहुंच गया और प्रदर्शन करने लगा। कुछ देर में छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष अमन यादव और उनके सहयोगी भी वहां पहुंच कर प्रदर्शन करने लगे। सबकी एक मांग थी कि छात्रा की मौत की निष्पक्ष जांच कराई जाये जिससे दोषी व्यक्ति का नाम सामने आ सके और उसके खिलाफ कार्रवाई तय हो सके।

कुछ छात्रों ने मांग रखने के लिए मौके पर कुलपति को बुलाने की मांग की लेकिन मुख्य नियंता ने उन्हें कुलपति की अकादमिक व्यस्तता की जानकारी दी और आश्वस्त किया की मांग उन तक पहुंचा दी जाएगी। मामले को लेकर वह भी बेहद गंभीर हैं।

छात्रों को समझाने-बुझाने में एडीएम सिटी और एसपी सिटी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। छात्र नेता मौके से यह चेतावनी देकर निकले कि अगर सप्ताह भर में मौत को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई तो वह उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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