लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । हज़ार दो हज़ार में पोर्टल बना कर बिना किसी जवाबदेही और सामाजिक जिम्मेदारी के न्यूज़ वेबसाइट के नाम पर अपना एजेंडा चलाने और अपने काले करतूतों को माइक आईडी की आड़ में छुपाने वाले फ़र्ज़ी पत्रकारों की अब ख़ैर नहीं है। लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ( Commissioner Of Police) ध्रुवकांत ठाकुर (DK Thakur) फ़र्ज़ी पत्रकारों पर नकेल कसने के लिए एक्शन के मूड में हैं।
हमारे सूत्रों ने बताया कि पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर पत्रकारों की छवि को लेकर काफ़ी चिंतित हैं उनकी चिंता पत्रकारिता की आड़ में अपना उल्लू सीधा करने वाले फ़र्ज़ी पत्रकारों से है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पत्रकारों की छवि धूमिल करने वालों की अब खैर नहीं।

आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ में तथाकथित पत्रकारों और Press लिखी गाड़ियों की भरमार है। भू माफियाओं, ठेकेदारों और गली के गुंडों तक के पास प्रेस की आईडी है नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि ऐसे फ़र्ज़ी पत्रकारों की पहुंच ऊपर तक है उन्होंने ये भी बताया कि वास्तविक पत्रकार तो एक आईडी के लिए अपने संस्थान के सामने गिड़गिड़ाता रहता है लेकिन फ़र्ज़ी पत्रकारों के पास राज्य मुख्यालय तक की मान्यता है जिन्हें पत्रकारिता का ‘प’ तक नहीं पता लेकिन दलाली का ‘द’ करने के लिए उन्होंने पत्रकारिता का चोला ओढ़ रखा है।
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट (Police Commissionerate) ने फर्जी पत्रकारों की सूचना देने के लिए एक हेल्पलाइन जारी किया है। इस हेल्पलाइन (+.91 9454400290) पर कॉल कर के फर्जी पत्रकारों की शिकायत की जा सकेगी। इस व्यवस्था की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस आयुक्त ( Commissioner of Police) डीके ठाकुर स्वयं इसकी निगरानी करेंगे।
CP DK Thakur की इस पहल पर न्यूज डॉन ( News DON) ने राजधानी के पत्रकारों से बात की। न्यूज़ट्रैक की ऐंकर सह रिपोर्टर श्रुति शुक्ला ने पुलिस आयुक्त के इस कदम की सराहना की उन्होंने कहा कि हम लोग पूरी इमानदारी और निष्ठा के साथ पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए पत्रकारिता करते हैं लेकिन ब्लैकमेलर (blackmailer) फ़र्ज़ी पत्रकारों की वजह से समाज जब हमें भी उन्हीं की कैटेगरी में रखता है तो बहुत दुख होता है।

न्यूज़ ऐंकर श्रुति ने उम्मीद जताई कि लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट (Police Commissionerate) की इस पहल से फ़र्ज़ी पत्रकारों पर लगाम लग सकेगी। वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ पत्रकार रिशि भारद्वाज ने कहा कि पुलिस आयुक्त की चिंता वाजिब है लेकिन उन्होंने पुलिस कमिश्नर के इस फ़रमान की आड़ में Genuine पत्रकारों के पुलिसिया उत्पीड़न की आशंका भी जताई।
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