नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर मुद्दे पर आज यानी मंगलवार को कांग्रेस, कार्यसमिति की बैठक बुला सकती है. दरअसल, कांग्रेस के भीतर ही धारा 370 को लेकर मतभेद है. मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, अदिति सिंह सहित कई कांग्रेसियों ने धारा 370 में संशोधन का समर्थन किया है. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह जैसे नेता सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं | कांग्रेस के दिग्गज नेता और सोनिया गांधी के करीबी जर्नादन द्विवेदी ने मोदी सरकार के इस कदम को सराहनीय बताया है, वहीं रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस MLA अदिति सिंह भी इस मुद्दे पर खुलकर मोदी सरकार के समर्थन में उतर आई हैं. उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर इसकी प्रशंसा की है. कांग्रेस MLA अदिति सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, हम एक साथ खड़े हैं! जय हिन्द # अनुच्छेद 370. हालांकि उनके इस पोस्ट पर एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि आप कांग्रेसी हैं तो इसके जवाब में अदिति ने कहा कि, ‘मैं एक हिंदुस्तानी हूं’.
अब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में धारा 370 और जम्मू कश्मीर के विभाजन पर पार्टी अपना स्टैंड साफ करेगी. कश्मीर से अचानक धारा 370 को हटाने का फैसला लेकर मोदी सरकार ने कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है. भले ही कांग्रेस ने संसद में मोदी सरकार के इस कदम पर विरोध जताया हो, किन्तु पार्टी के अंदर इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. उच्च सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का जमकर विरोध किया था।
वहीं सोमवार को ही पहले संसद भवन परिसर में सोनिया गांधी और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस और गिने-चुने विपक्षी नेताओं की बैठक हुई थी. इसमें फैसला लिया गया था कि पार्टी इस फैसले पर सरकार का विरोध करेगी. जो दलीलें तय हुईं, वो सभी आजाद ने राज्यसभा में कह दी थीं, लेकिन कांग्रेस ही कुछ नेताओं द्वारा सरकार का समर्थन करना पार्टी के गले की हड्डी बन गया है।
कांग्रेस कार्यसमित के सदस्य दीपेंदर हुड्डा ने धारा 370 को हटाए जाने के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि “‘मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है. अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास।