लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में कहा कि 2022 में सरकार बनने पर ब्राह्मणों के सम्मान, स्वाभिमान व रोजी-रोटी का वह पूरा ख्याल रखेंगी और पार्क, मूर्ति व संग्रहालय नहीं बनवाएंगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ पार्टी कार्यालय पर आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में कहा कि इस बार हमारी सरकार बनेगी तो हम महापुरुषों के पार्क, प्रतिमा या संग्रहालय बनाने में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की सूरत बदलने में अपनी ताकत लगाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस बार सर्व समाज के साथ ब्राह्मणों की जुगलबंदी से उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने डंके की चोट पर अपनी सरकार के दौरान महापुरुषों की प्रतिमाएं लगवाई और संग्रहालय बनवाए। पार्कों का निर्माण कराया। अब उन्हें इसकी आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि अब सरकार बनेगी तो पूरा ध्यान उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने पर रहेगा।
मायावती ने कहा कि ब्राह्मण उनके साथ आए तो निश्चित रूप से 2007 की तरह ही 2022 में भी बसपा की सरकार बनेगी और उनका यह वादा है कि ब्राह्मणों के सम्मान, स्वाभिमान व रोजी-रोटी का वह पूरा ख्याल रखेंगी। पहले सपा और बाद में भाजपा सरकार में ब्राह्मणों का उत्पीड़न होता रहा है। कुछ घटनाएं तो उनके साथ ऐसी हुईं जो राष्ट्रीय स्तर तक चर्चित रहीं।
उन्होंने किसानों पर भी फोकस किया और कहा कि भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन कृषि कानून के जरिए उनकी जमीन छीनने की तैयारी शुरू कर दी है। आंदोलन के बावजूद काले कानूनों को खत्म नहीं किया जा रहा है। यूपी में बसपा की सरकार आई तो निश्चित रूप से इन कानून को प्रदेश में लागू नहीं होने दिया जाएगा।
मायावती ने कहा मुसलमानों को मेरठ के मलियाना कांड व मुजफ्फरनगर कांड को नहीं भूलना चाहिए। कांग्रेस और सपा दोनों की ही सरकारों में मुस्लिमों का यह हाल हुआ था। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत कहते हैं कि हिंदू और मुस्लिमों के पूर्वज एक हैं। यदि ऐसी बात है तो आरएसएस और भाजपा मुस्लिमों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों करती है।
मायावती ने मंच से एलान किया कि 9 को साहिब कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर मंडल स्तर पर कोई आयोजन नहीं होगा। इस बार प्रदेश भर से कार्यकर्ता सीधे लखनऊ आएंगे और कांशीराम पार्क में श्रद्धांजलि देंगे।
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