लखनऊ / सीतापुर /रामपुर । समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं विधायक मुहम्मद आजम खान 27 महीनों की क़ैद के बाद शुक्रवार को सीतापुर की जेल से रिहा हो गये। उनकी आगवानी के लिये प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) के अध्यक्ष एवं विधायक शिवपाल यादव और उनके दोनों बेटे जेल के गेट पर मौजूद थे।
रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए आजम खान ने कहा, मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि मेरी तबाहियों में मेरे अपनों का हाथ है। भगवान ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे, मेरी रिहाई में किसका कितना योगदान है! ये सब जानते हैं।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद के नारे लगाये और सर्वोच्च न्यायालय ( Supreme Court of India) का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा इंसाफ़ देने वालों का शुक्रिया।सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ताकत का प्रयोग किया इसलिए मुझे इंसाफ़ मिला। उन्होंने कहा, जिन्होंने साथ नहीं दिया उनका भी शुक्रिया।
एक सवाल के जवाब में आजम खान ने कहा, हमारा मिशन राजनीति नहीं था। लीडर तो मैं कभी नहीं रहा लीडर होता तो विश्वविद्यालय नहीं बना पाता। मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए जबरदस्ती जमीन लेने के आरोपों पर कहा कि मैं जमीन,मुल्क और कौम बेचने वाला इंसान नहीं हूँ। मुझ पर जमीनों के फर्जी मुकदमें लगाए गए हैं उन्होंने कहा सभी जमीनों के पेमेंट मैंने चेक से किए थे।
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से न मिलने के सवाल पर पर आजम खान ने कहा मेरी तबीयत ठीक नहीं थी। आज भी मेरी तबीयत ठीक नहीं है। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया उन्होंने कहा सीतापुर जेल में मुझे धमकी मिली। एक दारोगा ने मुझसे कहा आपका एनकाउंटर हो सकता है। ज्ञानवापी मामले पर पत्रकारों के सवालों पर आजम खान ने कहा बाबरी-ज्ञानवापी की सुनवाई में काफी अंतर है। बाबरी मुद्दे पर सालों बाद फैसला आया था।