UP में मौसम का पारा Low चुनावी पारा High, पूस की सर्दी पर सियासी सरगर्मी हावी

तरह-तरह के लुभावने वायदों के साथ सभी राजनैतिक दल चुनावी मैदान में है अब देखना यह होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है और जनता का दिल जीतने में कौन कामयाब रहता है। गेंद अभी जनता के पाले में है निर्णय उसको‌ करना है कि वह किन मुद्दों पर वोट करना चाहती है।जानने के लिए पढिये पूरा लेख

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लखनऊ । चुनाव आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है। आगामी माह में होने वाले इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर पूरे देश समेत सभी राजनैतिक दलों की निगाहें टिकी हुयी है। इन पांच राज्यों में सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश है, ऐसा माना जाता है कि दिल्ली का दिल उत्तर प्रदेश है, विधानसभा चुनाव हो और सत्ता के गलियारों में उत्तर प्रदेश की चर्चा न हो ऐसा सोचना बेमानी है, क्योंकि सभी राजनैतिक दलों का मानना है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है।

उत्तर प्रदेश में चुनावों कि तिथि की घोषणा होते ही राजनैतिक सरगर्मियां काफी तेज हो गयी है, जनवरी माह की इस भयंकर शीतलहर में गर्माहट का आनंद लेना है तो आइए उत्तर प्रदेश क्योंकि यहां शीतलहर के असर को चुनावी सरगर्मियों ने बेअसर कर दिया है मौसम‌ का पारा भले ही कम हो लेकिन चुनावी पारा हाई है। इस हाई चुनावी पारे ने मौसम का तापमान बढ़ा दिया है सभी राजनैतिक दल सत्ता हासिल करने के लिए गठजोड़ में लगे हुए है। लगातार हो रही बैठकों के साथ बंद कमरों मे हो रही बैठकें अहम है क्योंकि यही आगामी विधानसभा चुनावों के परिणाम की दिशा और दशा तय करेंगी।

जातिगत समीकरण, मजबूत गठजोड़, और चुनावी प्रबंधन आने वाले दिनों में तय करेंगे की सत्ता की चाभी किसके पास होगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार मुकाबला कभी कड़ा होने जा रहा है सत्ताशीन भाजपा और उसकी मुख्य प्रतिद्धंदी मानी जा रही सपा अपनी-अपनी तरह से जातिय समीकरणों का ऊंट बैठाने में जुटी है।

किन्तु इस बार के चुनाव में कुछ बातें बहुत अहम है प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के नये वैरियंट ओमिक्रोन के ग्राफ को देखते हुए चुनाव आयोग कुछ कड़े कदम उठा सकता है। वर्चुअल रैली, डिजिटल माध्यम का संवाद जनता पर कितना छाप छोड़ता है देखने वाली बात होगी किन्तु इन सबके बीच जनता का इस बार मूड स्पष्ट नहीं है, मुकबधिर बनी जनता इस बार किसके पक्ष में मतदान करने जा रही है बता पाना काफी मुश्किल है और यही चुप्पी न्यूज चैनलों के एक्जिट पोल को भी एक्सपोज कर सकती है।

उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों के तिथि की घोषणा कर दी है उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए आगामी 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने है। जिसके पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को एवं अन्तिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा। चुनाव आयोग द्वारा 10 मार्च को चुनावी परिणाम की घोषणा कर दी जायेगी।

आपको बता दें कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल 14 मई तक निर्धारित है। अब देखने वाली बात यह होगी की सत्ताशीन भाजपा पुनः से जीत का ताज अपने सिर पर रखते हुए सत्ता पर काबिज रहेगी या मूकबधिर बनी जनता चुनावी परिणामों में कोई बड़ा उलटफेर करते हुए नया इतिहास रचने वाली है यह अभी भविष्य के गर्त में है। फिलहाल सभी राजनैतिक दल अपनी पूरी ताकत के साथ ताल ठोकते हुए नजर आ रहे है और सत्ता की चाभी हासिल करने के लिए अपनी जोर-आजमाइस में लगे है।

तरह-तरह के लुभावने वायदों के साथ सभी राजनैतिक दल चुनावी मैदान में है अब देखना यह होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है और जनता का दिल जीतने में कौन कामयाब रहता है। गेंद अभी जनता के पाले में है निर्णय उसको‌ करना है कि वह किन मुद्दों पर वोट करना चाहती है।

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