लखनऊ / दिल्ली । पिछले साल से गौतम अडानी काफी चर्चा में रहे है। लेकिन अब कुछ ऐसा हुआ है जिससे उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है। और वह मुश्किल में पढ़ गए है। उनकी मुश्किलों का कारण नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) द्वारा उनके 43,500 करोड़ के खतों को फ्रीज करना है।
अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में सोमवार की सुबह भारी गिरावट देखने को मिली है।गिरावट इतनी तेज थी कि कुछ मिनट के अंदर ही इन शेयरों में लोअर सर्किट लग गया। दरअसल, इस गिरावट की वजह बनी ऐसी रिपोर्ट्स जिनमें कहा गया था कि नेशनल सिक्टोरिटीज़ डिपॉजिटरी लिमिडेट यानी (NSDL) ने ग्रुप की कंपनियों में भारी भरकम निवेश करने वाले तीन फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) के एकाउंट फ्रीज़ कर दिए हैं।
इन रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि इन तीनों खातों के जरिए अडाणी समूह की कंपनियों में हजारों करोड़ रुपयों का निवेश किया गया है। यह खबर आने के साथ ही अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट शुरू हो गई। जिसके बाद अडाणी ग्रुप ने इन खबरों को गलत ठहराना शुरू किया। ग्रुप की कंपनियों ने स्टॉक्स एक्सचेंजों में लिखकर दिया कि उनके विदेशी निवेशकों के खाते फ्रीज नहीं हुए हैं। लेकिन PTI के मुताबिक NSDL की वेबसाइट पर तीनों FPI के एकाउंट्स को फ्रीज ही बताया गया है।
इसके बाद सोमवार शाम को अडानी ग्रुप ने इसकी सफाई में अपना एक बयान जारी किया। जिसमे अडानी ग्रुप ने बताया कि अकाउंट फ्रीज किए जाने की खबर बिलकुल गलत है ये बस निवेशकों को गुमराह करने की एक साजिश की जा रही है । ग्रुप ने कहा कि जानबूझकर निवेशकों को यह बताया जा रहा है ताकि आगे से वे हमारी कंपनी में निवेश ना करे। अडानी ग्रुप ने यह भी कहा की इस ख़बर को किसी के द्वारा प्लांट किया गया है । ग्रुप ने कहा कि 14 जून तक किसी भी विदेशी निवेशक के डीमैट अकाउंट को फ्रीज नहीं किया गया है।
यही नहीं, अडानी ग्रुप ने बताया कि जिन तीन विदेशी निवेशकों पर कार्रवाई की बात की जा रही है, उनमें से किसी पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस खबर ने निवेशकों के नुकसान के साथ ग्रुप की भी प्रतिष्ठा पर भी आंच पहुंचाई है। फ़िलहाल इस खबर की वजह से कंपनी का नाम खराब हुआ है।अडानी ग्रुप ने कहा कि हम माइनॉरिटी शेयर धारकों के हित में यह खुलासा कर रहे हैं कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।