उत्तर प्रदेश में सामाजिक सहयोग का आधार बनेगा सहकार भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन

सहकार भारती के संस्थापक सदस्य तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) व राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) श्री सतीश मराठे ने कहा कि देश में सहकारिता की साख सुधारने लिए ही इसे कृषि मंत्रालय से हटाकर अलग मंत्रालय बनाया गया है। भारत की सबसे छोटी सहकारी संस्था प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटी (पैक्स) है, जो ग्राम पंचायत स्तर पर काम करती है

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लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । राजधानी में दिसम्बर में होने जा रहे सहकार भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर तैयारियाँ तेज हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को मॉल एवेन्यू स्थित उत्तर प्रदेश भूमि विकास बैंक (यूपीएलडीबी) मुख्यालय के सभागार में अधिवेशन के लिए बनी स्वागत समिति की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि ऐसा शानदार और प्रभावी अधिवेशन आयोजित करना है, जो प्रदेश में सहकारिता के पुनरुत्थान का आधार बने।

गौरतलब है कि प्रत्येक तीन वर्ष के अंतराल में होने वाला सहकार भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन इस बार उत्तर प्रदेश में हो रहा है। यह सातवाँ अधिवेशन 17 से 19 दिसम्बर तक लखनऊ स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक में होग। इसे लेकर अधिवेशन की स्वागत समिति की बैठक हुई। इसमें स्वागत समिति के संरक्षकगण केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बी.एल.वर्मा, प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा तथा राज्य सभा सांसद व पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल और स्वागताध्यक्ष बरेली सांसद व पूर्व केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार उपस्थित रहे।

इस अवसर पर सहकार भारती के संस्थापक सदस्य तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) व राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) श्री सतीश मराठे ने कहा कि अधिवेशन की सफलता के लिए प्रदेश के कार्यकर्ता पूरे उत्साह से जुट जाएँ। सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदय जोशी ने बताया कि तीन दिवसीय अधिवेशन में सहकारिता का संदेश देने वाले कार्यक्रमों व प्रदर्शनी का आयोजन होगा।

इस दौरान सहकार भारती के पिछले तीन वर्षों के कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी लगेगी, साथ ही स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए सहकार मेला भी लगेगा। इस मेले में विभिन्न प्रदेशों के 300 से अधिक स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित स्टॉल लगाये जाएँगे, जिनमें डेढ़ सौ स्टॉल उत्तर प्रदेश के होंगे।

संरक्षकगण एवं स्वागताध्यक्ष ने सहकार भारती के अधिवेशन की सफलता के लिए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया, साथ ही सूबे में सहकारिता के पुनरुद्धार के लिए सरकार की ओर से योजनाबद्ध ढंग से कार्य कराने की बात कही। इस अवसर पर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के निदेशक धनंजय सिंह, अर्बन कोऑपरेटिव बैंक्स फेडरेशन के चेयरमैन मुदित वर्मा, दातागंज (बदायूँ) विधायक राजीव कुमार सिंह, बाराबंकी जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार वर्मा, बुलंदशहर जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा समेत स्वागत समिति के अन्य पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।

सहकार भारती के संस्थापक सदस्य तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) व राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) श्री सतीश मराठे ने कहा कि देश में सहकारिता की साख सुधारने लिए ही इसे कृषि मंत्रालय से हटाकर अलग मंत्रालय बनाया गया है। भारत की सबसे छोटी सहकारी संस्था प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटी (पैक्स) है, जो ग्राम पंचायत स्तर पर काम करती है। पिछली सरकारों की कुनीतियों के चलते देश में पैक्स की वर्तमान स्थिति दयनीय है। सतीश मराठे ने कहा कि पैक्स की दशा व दिशा सुधारने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह से गहन चर्चा हुई है। ग्राम स्तर पर पैक्स को पुनर्स्थापित किया जाएगा और कोशिश होगी कि हर गाँव में पैक्स स्थापित हो।

बैठक में सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री उदय जोशी, प्रदेश अध्यक्ष रमाशंकर जायसवाल, प्रदेश महामंत्री डॉ प्रवीण सिंह जादौन, प्रदेश संगठन प्रमुख राज दत्त पांडे राजीव कुमार सिंह विधायक, मुदीत वर्मा अध्यक्ष राष्ट्रीय आवास एवं वित्त विकास निगम, धनंजय सिंह डायरेक्टर एनसीडीसी, उपभोक्ता प्रमुख नरेंद्र उपाध्याय, पूर्व विधायक राम शिरोमणि शुक्ला, शिवेंद्र प्रताप सिंह प्रदेश सह संगठन प्रमुख, विभाग प्रमुख हीरेंद्र मिश्रा डॉ अरूण सिंह महानगर अध्यक्ष, विवेक राय संगठन प्रमुख राणा नागेश सिंह, आरके सिंह, विजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

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