लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राजनीति में संभावनाएं बनी रहती है जो दल उनकी पार्टी के मुद्दों को समर्थन देगी, उसके साथ गठबंधन से परहेज नहीं करेंगे.अगले साल होने जा रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन को बरकरार रखने की जुगत कर रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर एक बार फिर बीजेपी के साथ हाथ मिलाने का इशारा कर चुके हैं।
ओमप्रकाश राजभर 2019 में भाजपा से नाता तोड़ चुके थे आपको बता दें कि मांगें पूरी नहीं होने पर राजभर ने मई 2019 में बड़े ही नाटकीय अंदाज में मंत्री पद छोड़ कर योगी सरकार से नाता तोड़ लिया था उसके बाद से ही विभिन्न मंचों पर भाजपा की मुख़ालफ़त कर रहे थे उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस -ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी सहित कई छोटी पार्टियों के साथ मिलकर जनाधिकार संकल्प मोर्चा का गठन किया था।

इस गठबंधन में कोई भी बड़ा चेहरा शामिल नहीं था. चंद दिनों पहले तक राजभर अपने मोर्चे में शामिल होने वाले हर दल के मुखिया को सरकार बनने पर बड़ा मंत्रालय देने का वादा कर रहे थे. मगर वे इस बात को भी बखूबी समझ रहे थे कि इस जद्दोजहद से उन्हें कोई खास फायदा नहीं होने वाला था। यही कारण है कि वे बीजेपी से दोबारा जुड़ने के इशारे के साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) से भी गलबहियां करने को तैयार थे।
ओमप्रकाश राजभर और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की कुछ दिनों पहले मुलाक़ात ने इस बात का इशारा कर दिया था कि वे भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं. राजभर ने भाजपा से जुड़ने से पूर्व अपनी कुछ मांग रखी थी, जिन्हें स्वीकार करने के बाद ही वे भाजपा से गठबंधन करने को तैयार होने की बात कह रहे थे. मांगों के साथ ही यह भी घोषणा की थी कि उनकी इन मांगों को जो पूरा करेगा उसी से वे गठबंधन करेंगे।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि देश में पिछड़ों की जातिगत जनगणना होनी चाहिए और रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू किया जाये। बिजली की बढ़ती कीमतों पर बात करते हुए कहा कि यूपी में घरेलू बिजली का बिल माफ किया जाये उन्होंने एक समान अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा पर जोर दिया पुलिस कर्मचारियों की बॉर्डर सीमा समाप्त कर उन्हें अपने जिले में तैनाती की छूट दिए जाने की मांग की।
उन्होंने कहा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी की समयसीमा 8 घंटे की निर्धारित हो और साप्ताहिक अवकाश भी दिया जाये पुरानी पेंशन पर बात करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन बहाल की जाये। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि होमगार्ड, पीआरडी और चौकीदार को पुलिस के समान सुविधा मिले.अब भाजपा इनमें से किन शर्तों को स्वीकार करेगी और किसे अस्वीकार उस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
Nice analysis