हूण बड़े ही भयंकर योद्धा थे इन्होंने चौथी और पांचवी सदी में दुनिया पर अपना आधिपत्य फैलाया था हूण वास्तव में चीन के पास रहने वाली एक जाति थी इन्हें चीनी लोग “ह्यून यू” अथवा “हून यू” कहते थे. बता दें, हूण लोगों ने महाविनाशक आक्रमण भारत पर करना शुरू किया था भारत को बचाने का काम स्कंदगुप्त ने किया।
आपके बताते चलें कि , हूणों ने कई देशों पर प्रचंड आक्रमण किया था. कम ही लोग जानते हैं कि चीन की विशाल दीवार हुणों को आक्रमण से बचाने के लिए बनाई गई थी. यही कारण है जिसकी वजह से चीन बच गया।
हुणों की ओर से लोगों पर बर्बर आक्रमण होता था उनके राज में विनाश का एक तांडव खेला जाता था। बच्चों को मार देना, महिलाओं को उठाकर ले जाना, सामूहिक नरसंहार करना, पुस्कालय को जला देना, विश्वविद्यालय को नष्ट कर देना, वह सब कुछ नष्ट करना चाहते थे. उनके किए गए अत्याचारों की वजह से देशभर की अनेक संस्कृति तहस नहस हो गई थीं।
कम ही लोग जानते हैं कि हुणों से बचाने के लिए चीन की दीवार बन गई थी. जिसके कारण चीन तो बच गया लेकिन इससे रोम, यूरोप, इटली और फांस तक हूणों के आतंक से समग्र सभ्यता को नुकसान पहुंचा। आप कह सकते हैं पूरा यूरोप हुणों के हमलों से खत्म हो गया था जिसके बाद से हुणों का आक्रमण भारत की ओर हुआ।
जब हूण पाटलिपुत्र पहुंचे तो स्कंदगुप्त विक्रमादित्य के पिता कुमारगुप्त दुविधा में थे कि इसका सामना कैसे किया जाए इनका सामना कौन करेगा? जिसके बाद स्कंदगुप्त समाने आए और उन्होंने पिताजी को कहा- “मैं जाऊंगा और समस्त हुणों को देश के बाहर खदेड़ दूंगा.”
उन्होंने इसके लिए खुद को तैयार किया था ये लड़ाई 10 साल तक चली जूनागढ़ से लेकर कश्मीर तक, कश्मीर से लेकर अफगानिस्तान के कंधार तक उन्होंने हुणों का खात्मा कर दिया वो पहले थे जिन्होंने हुणों को हराया था,उन्हीं की वीरता के कारण समग्र भारत से हूण निकाले गए थे।