पईसा कउड़ी खतम तो होमगार्डी हज़म

सरकार को औसत सरकारी तनख्वाह तय करके ज्यादा तनख्वाह वाले सभी कर्मचारियों की तनख्वाह काट लेनी चाहिए, और उनको खुश करने के लिए उनका ओहदा एक पायदान बढ़ा देना चाहिए। अगर यह स्किम लागू होती है तो समाज में एक बड़ा संदेश जाएगा।

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उत्तर प्रदेश सरकार बहुत घाटे में चल रही है। पैसा कउड़ी सब खत्म हो गया है। मंत्री – संत्री सब हैरान है कि सालों हो गए, ना कोई टेंडर आया ना वेंडर आया, मुंहबाजी के आलावा रत्ती भर काम भी न आया, फिर पैसा कैसे खत्म हो गया। अब यह कोई गली क्रिकेट तो है नहीं कि आटा पिसवाने के बहाने पीछा छोड़ा कर प्रभु भाग जाएं। यह तो लोकतंत्र है जहां 5 साल तो आड़े – तिरछे करके चलाना ही है। मंत्रियों ने कहा त्राहिमाम – त्राहिमाम, डियर प्रभु ! वयं इन प्राबलम्।

सरकार ने जनता पर सभी कर और दर को बढ़ा दिया ताकि धनकोष वाला मामला तत्काल सुलठ जाए पर यूपी की बेरोजगार और बीमार जनता इस प्रलय से कांप गयी है, नौकरी गई भाड़ में, जिंदा रहने के जुगाड़ में जनता इधर-उधर भाग रही है, क्योंकि सरकारी राशन भी बंद कर दिया गया है।

भर्ती छोड़ो, नौकरी से ही धीरे- धीरे लोगों को हटाया जा रहा है। खबर है कि 25 हजार होमगार्ड को सरकार टाटा-टाटा कर रही है। धूप हो बरसात या कोई आंधी-तूफान सभी परिस्थितियों में लौह स्तंभ की तरह खड़े होमगार्डों के साथ इस तरह का व्यवहार देखकर बहुत तकलीफ हो रहा है।सरकार को आज मैं पैसा जुटाने और कमाने का बहुत तगड़ा वाल नाड़ीबाज उपाय बता रहा हूं।

सरकार को औसत सरकारी तनख्वाह तय करके ज्यादा तनख्वाह वाले सभी कर्मचारियों की तनख्वाह काट लेनी चाहिए, और उनको खुश करने के लिए उनका ओहदा एक पायदान बढ़ा देना चाहिए। अगर यह स्किम लागू होती है तो समाज में एक बड़ा संदेश जाएगा।

वह विघार्थी जो सरकारी नौकरी इस लिए करना चाहते हैं कि काम ज्यादा नहीं करना पड़ता है, टारगेट जैसी कोई माथापच्ची नहीं, कोई माई का लाल नहीं निकाल पाएगा और बोरा भर पैसा टनाटन हर महिने खाते में। अब जब पैसा ही सरकारी नौकरी में कम मिलेगा तो वह इसके बारे में कम ही सोचेंगे क्योंकि ‘ना बाबू ना भैया- सबसे बड़ा रुपैया’। अब वह अपने टैलेंट को ही मठारेंगे और कुछ क्रिएटिव करेंगे और साथ ही साथ सरकार को भी फायदा। 

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