लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के व्यस्ततम चौराहे में से एक पालीटेक्निक चौराहा पर टीएसआई राकेश कुमार यातायात सम्भाल रहे थे काफी देर से एक लड़की को देख रहे थे जो काफी परेशान सी दिख रही थी लेकिन किसी भी लड़की से सीधा सीधा नही पूंछा जा सकता था । टीएसआई राकेश कुमार ने हिम्मत करके उस लड़की से पूंछा क्या बात है? और क्या परेशानी है? हम आपकी किस तरह सहायता कर सकते है ।
यह सुनकर लड़की रो पड़ी उसने खुद को संभालते हुए कहा कि हमारा नाम सना है हमारे वालिद का नाम रफीउल्लाह है हम बाराबंकी के हैदरगढ़ के रहने वाले है हम अपने घर का रास्ता भटक गए है हमारा पर्स भी कहीं गिर गया है और हमारे पास खर्चे के लिए भी कुछ नही है भूखे प्यासे भी है हमारे पास घर जाने के लिए पैसे भी नहीं हैं । यह कहते हुए वो फफक पड़ी।
टीएसआई ( TSI) राकेश कुमार ने लड़की को तसल्लीपूर्वक खाना खिलवाया और लड़की को हैदरगढ़ जाने वाली बस में किराया देकर बिठा दिया गया । जाते जाते सना ने ट्रैफिक उपनिरीक्षक राकेश कुमार को धन्यवाद किया ।
न्यूज डॉन के रिपोर्टर्स विकास और प्रिंस आफिस के लिए जा रहे थे कि उनकी नजर इस पूरे घटनाक्रम पर गयी उन्होंने सना से पूछा, क्या आपको उम्मीद थी कि अनजान शहर में कोई इस तरह से आपकी मदद करेगा तो सना ने बताया, क्यों नहीं!
हम खुद पुलिस के पास जाते लेकिन थोड़ी झिझक थी लेकिन वर्दीवाले भईया ने हमें छोटी बहन की तरह स्नेह दिया अल्लाह उन्हें हमेशा खुश रखें। ये कहते हुए वो बस में सवार हुई लेकिन उसकी निगाहें TSI राकेश कुमार की कृतज्ञता में नम हुई जा रही थीं।