मुख्यमंत्री की भाषा अभद्र, असभ्य, अमर्यादित और अलोकतांत्रिक! चुनाव आयोग संज्ञान ले : अखिलेश यादव

सपा चीफ अखिलेश ने सीएम योगी के बयानों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि चुनाव प्रचार में भाजपा के मुख्यमंत्री विपक्ष के प्रति जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह मर्यादित संयत और भद्र भाषा की श्रेणी में नहीं आता है। लोकतंत्र में इस भाषा का कोई औचित्य नहीं है।

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव

लखनऊ / दिल्ली । उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के चलते नेताओं का एक दूसरे पर वार पलटवार जारी है। सपा ने मुख्यमंत्री योगी की तीखी भाषा के खिलाफ चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है और चुनाव आयोग से तत्काल मुख्यमंत्री योगी की भाषा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।

भारतीय निर्वाचन आयोग

बता दें कि हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10 मार्च के बाद बुलडोजर चलेगा की धमकी दी। इसके अलावा यह लगातार सपा नेतृत्व को गुंडा मवाली माफिया बताते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 1 फरवरी 2022 को मेरठ में सीवालखास और किठौर की सभाओं में कहा” लाल टोपी मतलब दंगाई, “हिस्ट्रीशीटर वही कैराना में मुजफ्फरनगर में कहां जो गर्मी दिखाई दे रही है यह सब शांत हो जाएगी गर्मी कैसे शांत होगी मैं जानता हूं” जैसी तीखी भाषा का प्रयोग सपा के लिए किया है।

सपा चीफ अखिलेश ने सीएम योगी के बयानों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि चुनाव प्रचार में भाजपा के मुख्यमंत्री विपक्ष के प्रति जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह मर्यादित संयत और भद्र भाषा की श्रेणी में नहीं आता है। लोकतंत्र में इस भाषा का कोई औचित्य नहीं है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से तो मर्यादा विहीन भाषा व्यवहार की कतई उम्मीद नहीं की जाती है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और पक्ष द्वारा आदर्श आचार संहिता का लगातार उल्लंघन चुनाव की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता दोनों पर गहरा आघात करता है।

मुख्यमंत्री योगी इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं वो गोरखपुर की सदर सीट से चुनाव लड़ेंगे और वही अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

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