लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । असतो मा सद्गमयम् (Lead us from Unreal to Real) के ध्येय वाक्य को लेकर लखनऊ से प्रकाशित एवं संचालित दैनिक व साप्ताहिक हिन्दी एवं उर्दू समाचार पत्रों, पत्रिकाओं व डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म के समूह द डेस्टिनी आफ नेशन मीडिया नेटवर्क के नवीन कार्यालय एवं स्टूडियो का उद्घाटन रविवार को गोमती नगर में संपन्न हुआ।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए आर्यावर्त बैंक के चेयरमैन एसबी सिंह ने कहा कि मीडिया का काम सरकार के कार्यौ की पैनी पहरेदारी के साथ साथ सरकार के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाना भी है। उन्होंने कहा सरकार के कामों को या सरकार के मुखिया के क्रियाकलापों को प्रमुखता से कवर करना सरकार की चाकरी करना नहीं है बल्कि ये मीडिया की जिम्मेदारी है और इसे गोदी मीडिया नही कहा जाना चाहिए।
वहीं आकाशवाणी लखनऊ के पूर्व निदेशक पृथ्वीराज चव्हाण ने द डेस्टिनी आफ नेशन मीडिया नेटवर्क को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डिजिटल मीडिया बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है आने वाला वक्त मोबाइल जर्नलिज्म का है उन्होंने कहा कि आपके हाथों में जो डिवाइस है उसका नाम मोबाइल जरूर है लेकिन वो वही काम कर रहा है जो किसी जमाने में अलादीन का चिराग किया करता था।

आकाशवाणी लखनऊ के कार्यक्रम अधिशासी सुभाष खन्ना ने खबरों के चयन में तथ्यों एवं संदर्भों को प्राथमिकता दिये जाने की बात कही उन्होंने कहा कि मीडिया का इस्तेमाल सूचना शिक्षा एवं जागरूकता पैदा करने के लिए किया जाना चाहिए लेकिन आजकल देखा जा रहा है कि मीडिया का इस्तेमाल कुछ लोग किसी की पगड़ी उछालने और भयादोहन के लिए करने लगे हैं जिसे पीत पत्रकारिता कहते हैं उन्होंने उम्मीद जताई कि डॉन मीडिया नेटवर्क निडर एवं मूल्य आधारित पत्रकारिता का आधार स्तंभ बनेगा।
आपको बता दें कि द डेस्टिनी आफ नेशन मीडिया नेटवर्क एक मीडिया समूह है जिसमें हिन्दी दैनिक तत्काल भारत, हिन्दी साप्ताहिक तत्काल भारत, उर्दू साप्ताहिक शिया आर्गनाइजर एवं डिजिटल न्यूज चैनल सह पोर्टल News Destiny of Nation (News DON) न्यूज डॉन का संचालन किया जा रहा है।

इससे पहले द डेस्टिनी आफ नेशन मीडिया नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर अवधेश प्रताप सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में मीडिया ग्रुप की रिपोर्टर्स आरिशा, ज़ीनत, अनामिका, अफ़शीन, प्रिंस और विकास टम्टा के अलावा बड़ी संख्या में मीडिया, शिक्षा, साहित्य एवं राजनीतिक क्षेत्रों के लोग मौजूद थे।