शिव कृपाल मिश्र
लखनऊ – हरदोई के विधायक और सीओ के बीच हुई मोबाइल पर नोकझोंक इस समय तूल पकड़ा है ,जो पुलिस की कार्यशैली को दिखा रहा है कि कैसे वह पूरे पांच साल काम की है | मामला दरअसल मारपीट का था जिसमे एक पक्ष दलित था और दूसरा यादव | दलित अपने आपको पीड़ित बताते हुए पुलिस को फ़ोन कर दिया उस पर पुलिस ने उल्टा फ़ोन करने वाले पीड़ित को ही उठा ले गई |जैसा कि इस तरह के अधिकतर मामलों में पुलिस करती आई है | यह मामला जब विधायक सवायजपुर माधवेन्द्र सिंह के पास पहुंचा तो अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि होने की वजह से सीओ शाहाबाद अरविन्द वर्मा से बात कर पीड़ित की समस्या बताते हुए बात की , जिस पर सीओ ने अपना पल्ला ऐसे झाड लिया मानो अपराध होने से उन्हें कोई मतलब ही नहीं और न ही विधायक का उनके सामने कोई मतलब है | जाहिर है यह किसी भी ऐसे व्यक्ति को नागवार गुजरेगी और वही हुआ |बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद विधायक माधवेन्द्र सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि जिस तरह सीओ पूरे मामले से पल्ला झाड़ ले रहे थे उस हिसाब से तो डायल 100 न हुआ सुप्रीम बॉस हो गया , कुछ भी कर लेंगे , वो भी ये कह सकते थे कि मामले को पता कराता हूँ और जिसने अन्याय किया होगा उस पर कार्यवाही होगी , मेरे लिए अपने किसी शिकायत कर्ता की शिकायत और तकलीफ़ का संज्ञान लेना सत्ता का नशा नही , आम जनो की तकलीफ को महसूस करना है बिना मसले को समझे उसे नकारात्मक रूप में पेश करना ठीक नही , विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह का इस मसले पर ये भी कहना है कि मामला राजनैतिक है , पीड़ित हरिजन की पिटाई सपा के कुछ दबंगों ने की थी जिसकी शिकायत उसने डायल 100 पर की पर डायल 100 वाले उलटा पीड़ित को ही उठा ले गए जिसकी गुहार पीड़ित के परिजनो ने विधायक से लगाईं सो उन्होंने तुरंत संज्ञान लिया , उन्होंने कहा कि ये सरकार आम लोगो की सरकार है , हर वर्ग की सरकार है जो भी अधिकारी सपा के एजेंट की तरह काम करेगा और इस तरह से जिम्मेदारी से भागने की कोशिश करेगा , बरगलाने की कोशिश करेगा उन्हें जबाब देना पड़ेगा । बात तो सही है विधायक जी , अभी पुलिस सपाई है उन्हें तो आदत ऐसे ही पड़ी है |वह अपने आपको नौकर नहीं जनता का माई – बाप मानकर चलते हैं | मीडिया में जिस तरह विधायक को लेकर हाय – तौबा मची है वह समझ से परे है | वह ऐसे लिख – पढ़ रहे है मानो पुलिस की ही तरह वह भी सपाई-बसपाई मीडिया वाले हों | अरे भाई किसी नेता का आखिर काम क्या है ? वही है जो विधायक ने किया और पुलिस का काम वह नहीं जो सीओ ने किया | विधायक का गुस्सा लाज़मी था |वह क्षेत्र का प्रतिनिधि है नौकर नहीं |