बलिया | मूलभूत सुविधाओं को तरस रही जनता नेताओं के व्यवहार से दुःखी है। वादे तो बहुतों ने किए किन्तु चुनाव जीतने के बाद पलटकर देखा तक नहीं। अभी जो खबर आ रही है वह पूर्वान्चल की राजनीति से जुड़ी है जहां जनता ने नेताओं के विरूद्ध खुला मोर्चा खोल दिया है बलिया जिले की सीयर विधान सभा में ग्रामीणों ने ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ के बैनर लगाकर ऐसे नेताओं का मुखर विरोध किया है।
बताते चले कि विधान सभा चुनाव के छठें चरण में आगामी 4 मार्च को बलिया में वोट पड़ेगें जिला मुख्यालय से तकरीबन 60 – 65 किलोमीटर दूर ग्राम सोनाडी मतऊ का पूरा की लगभग 1000 की आबादी ने इस बार नोटा का बटन दबाने का मन बनाया है। खेदजनक है कि आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद जनता अपने हक के लिए उन लोगों के सामने हाथ जोड रही है जिनको उन्होंने ही मत देकर अपना प्रतिनिधि चुना है।
गांव के सुभाष चैहान ने बताया कि ग्रामीणों का यह आक्रोष केवल दो किलोमीटर की सड़क न बनवाये जाने के कारण है। उन्होंने बताया कि सोनाडीह के भागेष्वरी माता मन्दिर से दोथ पुल तक की सड़क बनवाने के लिए अब तक कई बार ठेका उठ चुका है लेकिन सड़क बन ही नहीं पा रही है। लोक सभा, विधान सभा तथा पंचायत चुनाव में सड़क को बनवाने का वादा तो सभी नेताओं ने किया किन्तु जीतने के बाद झांकने तक नहीं आये। विधान सभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद गांव के लोगों ने एकता दिखाते हुए निर्लज्ज नेताओं को आईना दिखाने का निर्णय लिया। गांव के ही धीरेन्द्र ने आठ किमी दूर बिल्थरा कस्बे में पेन्टर से बैनर लिखवाकर लाये ‘रोड नहीं तो वोट नहीं वोट मांगकर हमें शर्मिन्दा ना करें। सोनाडीह मतऊ का पूरा के समस्त ग्रामवासी’’ किसी भी दल के नेता का प्रचार वाहन आते ही गांव के लोग बैनर लेकर सड़क पर आते हैं तथा नेताओं को बैरंग वापस जाना पड़ता है।