दलित दुश्मन सिर्फ आज़म ख़ान या पूरा मुसलमान !

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अब्राहम मिएराज

फैजाबाद। उत्तर प्रदेश के धर्मनगरी अयोध्या में विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे आजम खान को मुसलमानों के घरों की छतों पर लहराते हुये नीले झंडे इतने नागवार गुजरे कि उन्होने सपा के लिए वोट मांगने के बदले यहाँ तक कह डाला कि मुसलमानों को बीजेपी को वोट डाल देना चाहिए।
सूबे के कैबिनेट मंत्री आजम खान फायरब्रांड हिन्दुत्व वादी नेताओं के तर्ज पर  बाबरी मस्जिद के बहाने मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे थे कि उनकी नजर मुस्लिम घरों पर लहरा रहे नीले झंडों पर पड़ी उसे देखते ही उन्होंने आपा खो दिया और कहा कि बसपा को वोट देने से बेहतर होगा कि भाजपा को वोट दे दो।
इतना कहते हुए आजम मंच से नीचे उतर गये आजम के इस तेवर को देख एकबारगी सभा में सन्नाटा छा गया प्रत्याशी तेज़ नारायण पाण्डेय के मान मनौव्वल पर थोड़ी देर बाद वो स्टेज पर आये माइक संभालते ही आजम खान ने मुसलमानों को याद दिलाया कि बसपा के कांशीराम ने ही बाबरी मस्जिद की जगह शौचालय बनाने की बात कही थी उन्होने नीला झंडा उठाने पर मुसलमानों को तौबा करने की सलाह दे डाली।
आजम खान ने शहर के नरेंद्रालय में सपा की चुनावी सभा में बसपा पर जमकर हमला बोला। कहा कि अच्छा होता आप अपने घरों में बैठ गए होते, लेकिन नीला झंडा न लगाया होता।
सभा में संबोधन के दौरान आजम खां कई बार भावुक हुए उन्होंने कहा कि आज तेज नारायण पांडेय से लोगों की नाराजगी हो सकती है  यह नाराजगी कल दूर भी हो सकती है लेकिन कल अगर इसको खो दोगे उसकी भरपाई नहीं हो पाएगी।उन्होंने मुसलमानों को भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए बाबरी मस्जिद की याद दिलाई आजम ने कहा कि मस्जिद को बचाने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया नेता जी और मैने 40 वर्ष से अधिक का समय दिया है यही दिन देखने के लिए? उन्होंने कहा कि बसपा जीतेगी तो उनकी उम्मीदों पर बुलडोजर चलेगा।

एम ए जौहर विवि ढहा दिया जायेगा।

उन्होंने कहा सूबे की सत्ता अगर सपा के हाथ से गयी तो जौहर विवि ढहा दिया जाएगा जैसे मस्जिद ढहा दी गई। उन्होंने बसपा संस्थापक कांशीराम पर हमला बोलते हुए कहा कि सदन में कांशीराम ने कहा था यदि उन्हें मंदिर और मस्जिद के मसले का हल निकालने के लिए कह दिया जाए तो वहां पर शौचालय बनवा देंगे।

आजम खान के भाषण के बाद सबसे बड़ा सवाल।

1-क्या सूबे का मुसलमान आजम की सलाह पर बसपा के बजाय भाजपा को वोट करेगा?
2-बार बार आजम दलित मुस्लिम दोस्ती में दीवार बनकर क्यों खड़े हो जाते हैं?
3-आजम मुसलमानों की बेरोजगारी बीमारी से लड़ने के के बजाय बाबरी जैसे मुद्दों को बार बार क्यों कुरेदते हैं?
4-क्या आजम जैसे घोर ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले मुस्लिम नेता भाजपाई रणनीति के पोषक हैं?

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