अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग का नया फरमान और सांसत में फंसी सपा सरकार के ठेकेदारों की जान

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                                                        शिव कृपाल मिश्र

लखनऊ – प्रदेश के अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग सदाकान्त ने लोक निर्माण विभाग के सभी प्रमुख अभियन्ताओं एवं सचिवो को निर्देश देते हुए कहा है कि पुराने टेंडर आदि के आधार पर टेंडर के अनुमोदन आदि की कार्यवाही न की जाय। जो टेंडर आदि की प्रक्रिया प्रचलित है, उसे स्थगित रखा जाय। टेंडर आदि के सम्बन्ध में कदापि निर्णय न लिया जाय। नये कार्य और नई स्वीकृतियां आदि भी अभी न की जाय। लोक निर्माण विभाग में जो पुराने तथा चालू कार्य हैं उनका भौतिक सत्यापन आदि कराने के पश्चात् फील्ड से सही रिपोर्ट प्राप्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता की संस्तुति तथा मेरिट के आधार पर नियमानुसार आवश्यक एवं अवशेष वित्तीय स्वीकृतियों की कार्यवाही सक्षम स्तर से अनुमोदन के पश्चात् ही की जायेगी।
उन्होंने कहा कि सचिव, लोक निर्माण विभाग और प्रमुख अभियन्ता इस बात का ध्यान रखेंगे कि मार्च 2017 के महीने तक किसी भी चालू कार्य को पूर्ण करने के भुगतान करने के सम्बन्ध में ही वित्तीय स्वीकृतियों के बारे में विचार किया जायेगा। अवशेष वित्तीय स्वीकृतियों को जारी करने के बारे में विशेष सावधानी और सतर्कता रखी जायेगी।
सदाकान्त ने कहा कि नई सरकार के गठन के पश्चात् उच्च स्तर से समीक्षा होने के उपरान्त इस सम्बन्ध में और स्थिति स्पष्ट की जायेगी। इसलिए कोई भी नीतिगत निर्णय और नई स्वीकृतियां आदि इस अवधि में नहीं की जायेंगी। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव के स्तर से निर्गत निर्देशानुसार प्रत्येक स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। प्रमुख अभियन्ता (विकास) लोक निर्माण विभाग अपने स्तर से फील्ड के अधिकारियों को भी समुचित निर्देश आज ही निर्गत कर दें। इन आदेशो का प्रत्येक स्तर पर कठोरता से अनुपालन कराया जाय।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधान सभा के सामान्य निर्वाचन पूरे हो चुके हैं और नई सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है। यह एक संक्रमण अवधि है। मार्च का महीना होने के कारण वित्तीय वर्ष की समाप्ति का भी समय है। अतः इस समय विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है। बताते चलें कि मुख्य सचिव के पद पर भटनागर की जगह सदाकांत और संजय अग्रवाल का नाम आगे चल रहा है। इस लिहाज से भी यह फरमान बहुत मायने रखता है |

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