लखनऊ – प्रदेश में सबसे बुरे हालात यदि कहीं है तो वह सिर्फ स्वास्थ्य और शिक्षा का क्षेत्र है | इन दोनों जगहों पर डाक्टरों और मास्टरों की मनमानी चलती है |इस मनमानी की वजह लोगों की मजबूरी है |योगी सरकार के सम्बंधित विभाग के मंत्रियों ने जिस प्रकार का निर्णय लिया है और जो निर्देश आज जारी किया है यदि इसको अमलीजामा पहना सके तो यह सरकार उन दलों के नेताओं के लिए नजीर होगी जो सिर्फ जातियों की राजनीति करते हैं |ऐसा लगता है कि यह सरकार जनता की मर्ज़ पहचान चुकी है ! क्योंकि यदि हाईवे , मेट्रो और पत्थरों की नक्काशी लगाकर सरकार बनती तो पिछली सरकारें ही आतीं|यह सरकार केवल स्वास्थ ,शिक्षा और सुरक्षा की कसौटी पर खरी उतर जाए तो जनता इन्हें कभी कुर्सी से उतारने की न सोचे |आज स्वास्थ विभाग में मंत्री का यह फरमान जारी हुआ कि मरीजों के इलाज, दवाओं की खरीद, कार्मिकों की भर्तियों तथा चिकित्सकों के स्थानान्तरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर संबंधित को बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्धारित फार्मेट में प्रतिदिन अपनी प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराना होगा | अस्पतालों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। ‘102’ तथा ‘108’ एम्बुलेंस सेवा की नियमित रूप से मानीटरिंग हो | यदि एम्बुलेंस मरीजों तक समय से नहीं पहुंचती है, तो संबंधित की जवाबदेही तय करते हुए उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई होगी ।अपने तैनानी स्थल पर रहना सुनिश्चित करें। अधिकांश चिकित्सकों के तैनाती वाले जनपदों में न रहने से मरीजों का काफी परेशानी हो रही है। गम्भीर रोग के मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता है।प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम को अभियान के रूप में संचालित करने पर बल देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। उक्त निर्देश जारी करते हुए प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को बेहतर और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के प्रति वचनबद्ध है।
स्वास्थ्य मंत्री योजना भवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त मण्डलीय अपर निदेशकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा चिकित्सा अधीक्षकों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने चिकित्सकों को स्पष्ट रूप से सचेत किया कि वे ओ0पी0डी0 को सुचारू रूप से क्रियान्वित करना सुनिश्चित करें । उन्हांने कहा कि सभी अस्पतालों में आवश्यक उपकरण उपलब्ध रहने चाहिए, जिन अस्पतालों में उपकरणों की जरूरत है, उसकी सूची तत्काल बनाकर भेजी जाए।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं को अधिक से अधिक बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि प्रदेश के कई चिकित्सालयों में आने वाले गम्भीर/आकस्मिक मरीजों को बिना देखे ही, अन्यत्र चिकित्सालयों मे रेफर कर दिया जाता है। रात्रि में आने वाले मरीजों को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता। उन्होंने निर्देश दिए कि बिना उचित कारण मरीजों को रेफर न करें। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरूण कुमार सिन्हा, सचिव, आलोक कुमार, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पदमाकर सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारीग उपस्थित थे।
शानदार