देव गुर्जर-
- प्राइवेट स्कूलों में मची है लूट , आने वाले माह में माँ बाप की कमर जायेगी टूट .
जहां एक ओर योगी सरकार जनहित से जुड़े मुद्दे पर मुखर हो काम कर रही है | जिसकी वाह- वाही जनता खुले मन से कर रही है | लेकिन एक समस्या जनता के सामने इस समय सबसे बड़ी खड़ी है प्राइवेट स्कूलों में मनमानी फीस की वसूली| जिसको लेकर राज्य के मुखिया आदित्य नाथ योगी और इनकी सरकार की ओर जनता बहुत आशा भरी नज़रों से देख रही है | आने वाले माह माँ बाप के लिए बहुत कठिन चुनौतियाँ और समस्याओं को लेकर आने वाला है | जिसपर राज्य में चौतरफा लोग योगी सरकार से सोशल मीडिया पर गुहार लगा रहे हैं |
मजबूरी का आलम यह है कि एक पिता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनका बेटा कौसल्ल्या वर्ल्ड स्कूल में पढ़ता है ,जो दादरी ,गौतम बुद्ध नगर ,उत्तर प्रदेश में स्थित है | उनसे इस वर्ष फिर उनके बच्चे का नवीनीकरण फीस के नाम पर पांच हजार (5000/=) रुपये अतिरिक्त मांगे जा रहे हैं | इन महोदय को स्कूल का कोई स्टाफ या प्रिंसिपल यह नहीं बता पा रहा कि यह क्यों लिया जा रहा है | प्रिंसिपल का कहना है कि यह फैसला चेयरपर्सन का है |इसके लिए आप ग्रेटर नॉएडा ब्रांच में जाकर अपनी समस्या बताये | लेकिन कहीं भी कोई सुनवाई नहीं | यहाँ तक की स्कूल में ही सभी कॉपी , किताब ,ड्रेस ,जूता, मोजा, टाई, बेल्ट आदि लेना जरूरी ही नहीं मजबूरी है | जो मार्केट रेट से चार गुना ज्यादा है | यही हाल यूपी की राजधानी लखनऊ में भी है | लखनऊ का सिटी मोंटेसरी स्कूल हो या लखनऊ पुब्लिक स्कूल या फिर कोई और प्राइवेट स्कूल सब जगह स्कूलों में लूट मची है |
पैरेंट्स से दो -दो ,चार -चार माह की फीस एक साथ ले लेते हैं यदि स्कूल के समय के हिसाब से नहीं दिया तो सैकड़ों रुपये फाइन लगा देते है, ऐसे में महीने का बजट जब बढ़ जाता है | अब माँ- बाप या तो डिप्रेशन में जाकर आपस में लड़ाई करते हैं या फिर न चाहते हुए भी मजबूरी में पैसे के लिए गैरकानूनी काम कर बैठते हैं | सिटी मोंटेसरी स्कूल लखनऊ के एक पैरेट्स ने बताया कि जून तक फीस जमा करा लिया गया और रिजल्ट लेने के समय मार्च यानि इसी माह जुलाई की भी रसीद पकड़ा दी गई यह कहते हुए की अप्रैल में जमा करा देना |
उन पैरेंट्स के दिल से कोई पूछे तो वह कतई नहीं चाहते कि कोई गलत काम करें जिसकी इजाजत कानून न देता हो ,लेकिन जब उसका बेटा या बेटी कहते हैं कि पापा आप मेरे साथ गलत कर रहे हैं तब वह बाप अपने बच्चों के लिए क़ानून से हटकर भी कुछ काम कर जाता है |
ऐसा केवल गौतम बुद्ध नगर या लखनऊ में ही नहीं यूपी के समस्त जनपदों का यही हाल है ,जहां बेचारे अभिभावक या पैरेंट्स असहाय और मजबूर हैं | अब ये मजबूर निगाहें एक मजबूत मुख्यमंत्री की ओर टक-टकी लगाए देख रही हैं कि काश ! योगी जी एक नज़र इधर भी घुमा देते तो प्रदेश की 75 प्रतिशत जनता स्वयं इमानदार हो जाती और भ्रष्टाचार मिटाने की लड़ाई में आपका समय व्यर्थ न जाता और आप इस शदी के यथार्थ विकास पुरुष बन जाते |